✜ Social Media पर फर्जी पेपर की समस्या
परीक्षा के समय असामाजिक तत्व और शरारती लोग सोशल मीडिया पर फर्जी मॉडल प्रश्नपत्र साझा करते हैं, यह दावा करते हुए कि परीक्षा में इन्हीं प्रश्नों के आने की संभावना है। यह न केवल विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को भ्रमित करता है बल्कि परीक्षा की निष्पक्षता को भी प्रभावित करने का प्रयास करता है।
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UP Board के सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि ऐसी गतिविधियां गंभीर अपराध हैं। नकल अधिनियम के तहत इन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
✜ Cyber सुरक्षा और कानून परिवर्तन के साथ
⍟ परीक्षा के दौरान कानून प्रवर्तन एजेंसियां और साइबर सुरक्षा विभाग फर्जी अफवाहों और गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे।
⍟ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब, पर फैल रही जानकारी का विश्लेषण किया जाएगा।
⍟ किसी भी प्रकार की फर्जी गतिविधि में शामिल पाए जाने वाले लोगों पर साइबर सिक्योरिटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत कार्रवाई होगी।
⍟ दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति पर गैर-जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
विद्यार्थियों और अभिभावकों को अपील की गई है कि वे फर्जी मॉडल पेपर और अफवाहों पर ध्यान न दें। परीक्षा की तैयारी के लिए केवल UP Board द्वारा जारी किए गए आधिकारिक सिलेबस और मानक प्रश्नपत्रों पर भरोसा करें।
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✜ सरकार के सख्त कदम
उत्तर प्रदेश सरकार और माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परीक्षा की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं।
⍟ डिजिटल निगरानी: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर निरंतर निगरानी
⍟ संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा: परीक्षा केंद्रों के आस-पास विशेष पुलिस बलों की तैनाती।
⍟ कानूनी कार्रवाई: फर्जी प्रश्नपत्र फैलाने वाले व्यक्तियों को कठोर सजा।
UP Board परीक्षा 2025 को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां पूरी तैयारी कर रही हैं। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अफवाहों से बचें और केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। सोशल मीडिया पर फैल रही किसी भी फर्जी जानकारी की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें।
UP Board परीक्षा के दौरान अनुशासन बनाए रखें, अफवाहों से बचें और सफलता की ओर बढ़ें।