✜ UP Board का नया फैसला और प्रायोगिक परीक्षा में बदलाव
UP Board ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की लिखित परीक्षाओं के साथ ही अब प्रायोगिक परीक्षा में भी तकनीक के उपयोग को प्राथमिकता दी है। प्रायोगिक परीक्षा केंद्र सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में तो होंगे ही, लेकिन अब परीक्षक भी एप का उपयोग कर अंक अपलोड करेंगे। यह एप परीक्षकों को परीक्षा केंद्र के 200 मीटर के दायरे में ही रहकर अंक अपलोड करने की अनुमति देगा। इससे बाहर जाकर अंक देने की संभावना समाप्त हो जाएगी, जिससे परीक्षा में धांधली की संभावना कम होगी।
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2. प्रोसेसर और परफॉर्मेंस
बोर्ड के सचिव भगवती सिंह के अनुसार, यह एप उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा। प्रायोगिक परीक्षा के लिए नियुक्त परीक्षक इस एप को डाउनलोड करेंगे। परीक्षकों को परीक्षा से पहले इस एप का लिंक और पासवर्ड प्रदान किया जाएगा। परीक्षा शुरू होने से पहले एप का डेमो कराया जाएगा ताकि परीक्षक इसे ठीक से समझ सकें। साथ ही, एप का एक परीक्षण भी होगा, जिसमें यह देखा जाएगा कि 200 मीटर के दायरे से बाहर अंक अपलोड करने की सुविधा स्वतः बंद हो जाती है या नहीं।
✜ इस App से शिकायत दर्ज करे।
इस एप में एक महत्वपूर्ण फीचर शिकायत दर्ज करने का जोड़ा गया है। यदि किसी परीक्षक पर परीक्षा केंद्र पर दबाव बनाया जाता है कि वह परीक्षार्थियों को अधिक अंक दें, तो वह इस एप के माध्यम से तुरंत शिकायत कर सकते हैं। यह सुविधा परीक्षकों के लिए परीक्षा केंद्र छोड़ने के एक घंटे बाद तक सक्रिय रहेगी। इससे उन्हें परीक्षा केंद्र से बाहर जाकर बिना किसी दबाव के शिकायत दर्ज करने का अवसर मिलेगा। शिकायत दर्ज करने के बाद, UP Board द्वारा इन शिकायतों की जांच की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो परीक्षा केंद्र को बदला जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, यदि किसी केंद्र पर परीक्षक द्वारा पैसे मांगे जाने की शिकायत प्राप्त होती है, तो प्रधानाचार्य को इस पर कार्रवाई करने के लिए सीसीटीवी फुटेज के साथ प्रमाण देना होगा। बोर्ड के अनुसार, प्रायोगिक परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरों की निगरानी अनिवार्य होगी। शिकायतों की जांच के बाद यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित परीक्षा केंद्र को रद्द कर दिया जाएगा और परीक्षा किसी अन्य केंद्र पर आयोजित की जाएगी।
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2. प्रोसेसर और परफॉर्मेंस
इस App के अन्य लाभ —
⍟ डिजिटल रिकॉर्ड: एप के माध्यम से अंक सीधे डिजिटल रूप से बोर्ड तक पहुंचेंगे, जिससे रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की संभावना समाप्त हो जाएगी।
⍟ सीमित अधिकार: परीक्षक को केवल 200 मीटर के दायरे में अंक अपलोड करने की अनुमति होगी, जिससे निष्पक्षता बनी रहेगी।
⍟ पारदर्शिता: शिकायत दर्ज करने की सुविधा के कारण कोई भी दबाव या भ्रष्टाचार आसानी से उजागर किया जा सकेगा।
⍟ सीसीटीवी निगरानी: प्रायोगिक परीक्षा के दौरान कैमरों की निगरानी से परीक्षा प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनेगी।
UP Board की यह नई पहल परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने का एक बड़ा कदम है। तकनीक आधारित निगरानी और शिकायत दर्ज करने की सुविधा से न केवल परीक्षकों और परीक्षार्थियों को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि परीक्षा प्रक्रिया को भी पूरी तरह से निष्पक्ष बनाया जा सकेगा। 2025 की परीक्षा में इस नई व्यवस्था के लागू होने से उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की विश्वसनीयता और बढ़ेगी।