अखिलेश यादव का तंज: सीएम आवास के नीचे भी खुदाई हो, वहां शिवलिंग है।

Akhilesh Yadav's taunt: There should be digging under the CM's residence too, there is a Shivling there | Roglance News

लखनऊ, 29 दिसम्बर: हाल ही में संभल में एक मंदिर खोले जाने और खुदाई के दौरान कई प्राचीन धरोहरों के मिलन के बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा तंज कसा। उन्होंने दावा किया कि लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास के नीचे भी शिवलिंग है और वहां खुदाई कराने की मांग की।

✜  सपा की मांग और संभल में खुदाई का मामला।

आज सपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, अखिलेश यादव ने कहा, “मुख्यमंत्री आवास के नीचे शिवलिंग है। यह हमारी जानकारी है। इसकी भी खुदाई होनी चाहिए।” उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में कई कयास लगाए जा रहे हैं।
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इससे पहले, अखिलेश यादव ने संभल में चल रही खुदाई को लेकर भी निशाना साधा था। उनका मानना है कि लखनऊ में सीएम आवास की खुदाई की मांग सीधे संभल में हो रही खुदाई से जुड़ी हुई है। यहां, जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रशासन मुस्लिम क्षेत्रों में बिजली चोरी और मंदिरों के जीर्णोद्वार का कार्य कर रहा है। पुराने कुओं की खुदाई और बावड़ियों को फिर से जीवित करने का कार्य भी चल रहा है।

✜  महाकुंभ की अर्थव्यवस्था पर रणनीति का आरोप।

अखिलेश यादव ने हाल ही में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों को लेकर उठ रही अव्यवस्थाओं पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “अगर हमारे कार्यकर्ताओं पर मुकदमे लगे तो कुंभ मेले में अव्यवस्था की पूरी पोल खोल देंगे।”

सीएम योगी द्वारा दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह को महाकुंभ का न्यौता देने पर भी अखिलेश ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “कुम्भ में निमंत्रण नहीं दिया जाता है। लोग अपनी आस्था से आते हैं। यह सरकार की सोच है।”
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अखिलेश ने अपनी बात रखते हुए कहा, “जब मैं नए घर में जा रहा था, तब पीआईएल की गई थी। भाजपा और कांग्रेस के पीआईएल करने वालों को मैं जानता हूं।” उन्होंने राजभवन के बाहर अवैध अतिक्रमण पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि क्या वहां का नक्शा पास है और बुलडोजर कब जाएगा।

✜  सपा ने EVM पर उठाए सवाल।

अखिलेश ने एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा, “यहां ईवीएम के कारण हारने वाले को हार का और जीतने वाले को जीत का विश्वास नहीं होता है। इसलिए हम मांग करते हैं कि बैलेट से ही चुनाव कराया जाए।”

अखिलेश यादव का यह तंज राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा करने वाला है। उनके बयान ने मुख्यमंत्री योगी के लिए एक नई चुनौती पेश की है, जो आने वाले चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस राजनीतिक बयानबाजी के बीच, उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक होगा।