पिछले कुछ दिनों से राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर असंतोष का माहौल था। छात्रों की प्रमुख मांग यह थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में संपन्न हो। उनका कहना था कि कई पालियों में परीक्षा कराने से प्रश्न पत्रों के कठिनाई स्तर में भिन्नता होती है, जिससे परिणाम प्रभावित होते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इस मांग को गंभीरता से लिया और आयोग को निर्देश दिया कि वह अभ्यर्थियों के साथ संवाद स्थापित कर उचित समाधान निकाले। मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद, आयोग ने छात्रों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
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✜ UP सरकार ने बदली चयन प्रक्रिया
आयोग के सचिव ने बताया कि हाल ही में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं के कारण चयन परीक्षाओं की साख पर सवाल उठे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ-एआरओ परीक्षाओं को कई पालियों में कराने का निर्णय लिया गया था, ताकि परीक्षाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित हो। लेकिन छात्रों की आपत्ति और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद, अब यह तय हुआ है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
इस फैसले से लाखों छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। एक दिन में परीक्षा होने से न केवल छात्रों को समान अवसर मिलेगा, बल्कि उनके मन में चयन प्रक्रिया को लेकर विश्वास भी बढ़ेगा। परीक्षाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार की यह पहल छात्रों के भविष्य को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। छात्रों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई के लिए प्रशंसा की है। प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने इस फैसले को न्यायसंगत बताते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
✜ परीक्षा केंद्रों के मानकों में बदलाव
राज्य सरकार ने परीक्षा केंद्रों के मानकों में भी बदलाव किया है। गुरुवार को जारी शासनादेश के अनुसार, अब पीसीएस परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र शहर में ही बनाए जाएंगे। इसके साथ ही, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और कोषागार की दूरी की 10 किमी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। हालांकि, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा केंद्र मुख्य मार्ग पर स्थित संस्थानों में ही हों, जिससे छात्रों को वहां पहुंचने में कोई परेशानी न हो।
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का यह निर्णय छात्रों के हित में लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। यह केवल परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लाखों युवाओं के भविष्य को सही दिशा देने का प्रयास है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता और छात्रों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने राज्य के प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली में एक नया आयाम जोड़ा है।
छात्रों और उनके अभिभावकों ने सरकार के इस कदम की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में भी सरकार इसी प्रकार उनकी समस्याओं का समाधान करती रहेगी।