फ्रेंड्स कॉलोनी में लंबे समय से संचालित एक अवैध क्लीनिक के खिलाफ स्थानीय निवासियों द्वारा कई शिकायतें आ रही थीं। इस क्लीनिक को आरवी भारती नामक व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा था, जो बिना किसी वैध रजिस्ट्रेशन के मरीजों का इलाज कर रहा था। स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉक्टर केके वर्मा ने निरीक्षण के दौरान पाया कि यह क्लीनिक बिना किसी आधिकारिक अनुमति और मान्यता के, एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति से इलाज कर रहा था।
✲ शिकायतों के आधार पर हुई कार्रवाई
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. रामबदन राम ने इस मामले में तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया था। शिकायतों के आधार पर, स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर गंभीरता से जांच की। जांच के दौरान पाया गया कि झोलाछाप डॉक्टरों के पास न तो उचित लाइसेंस था और न ही चिकित्सा नियमों का पालन किया जा रहा था। जांच में अन्य दस्तावेज़ों की भी कमी पाई गई, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने इस क्लीनिक को तुरंत सील कर दिया।
शिकोहाबाद में अवैध रूप से संचालित होने वाले झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या बढ़ती जा रही है। ये डॉक्टर न केवल बिना लाइसेंस के कार्य कर रहे हैं, बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर झोलाछाप डॉक्टर किसी भी चिकित्सा पद्धति में प्रशिक्षित नहीं होते हैं और उनकी दवाएं अक्सर नकली होती हैं या गलत प्रयोग से मरीजों की स्थिति और बिगाड़ देती हैं। ऐसी परिस्थितियों में स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है।
अवैध रूप से संचालित चिकित्सा केंद्र आमतौर पर निम्न गुणवत्ता की सुविधाएं प्रदान करते हैं। मरीजों की स्थिति का सही ढंग से आकलन करने में असमर्थ ये क्लीनिक आमतौर पर गलत उपचार और दवाओं का उपयोग करते हैं, जिससे मरीजों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। इन झोलाछाप डॉक्टरों का प्राथमिक उद्देश्य पैसे कमाना होता है, न कि मरीजों की भलाई।
अवैध क्लीनिकों के चलते कई बार गंभीर बीमारियां समय पर पहचानी नहीं जाती हैं और मरीज की हालत और भी बिगड़ जाती है। इन केंद्रों में मरीजों की सेहत और सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है, जिससे संक्रमण, गलत उपचार, और गलत दवाओं का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास कोई आपातकालीन चिकित्सा सुविधा नहीं होती, जो कि गंभीर स्थिति में मरीज की जान बचाने में सहायक होती है।
शिकोहाबाद में स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई एक स्वागत योग्य कदम है। अवैध क्लीनिक और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ की गई यह कार्रवाई न केवल मरीजों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि चिकित्सा सेवाओं में विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। आम जनता को भी अब सतर्क रहना चाहिए और ऐसी जगहों से बचना चाहिए जो अवैध रूप से चिकित्सा सेवाएं प्रदान करती हैं। स्वास्थ्य विभाग की यह पहल समाज के स्वास्थ्य को सुरक्षित और बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भविष्य में लोगों को सुरक्षित चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी।
इस तरह की कार्रवाई से अवैध चिकित्सा केंद्रों पर अंकुश लगाना संभव हो पाएगा, और भविष्य में मरीजों को केवल योग्य डॉक्टरों से ही चिकित्सा सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी।