इजरायल का ईरान पर भीषण हमला, राजधानी तेहरान में जोरदार धमाके, नेतन्याहू ने बदला लिया।

Israel's massive attack on Iran, powerful explosions in the capital Tehran, Netanyahu took revenge | Roglance News

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने मध्य पूर्व में एक नए संघर्ष की स्थिति पैदा कर दी है। हाल ही में इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है। इजरायल की सेना ने बयान में कहा है कि उन्होंने सटीक हमलों के जरिए ईरान की सैन्य सुविधाओं को निशाना बनाया है, जिससे तेहरान और उसके आसपास के इलाकों में धमाके हुए। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने अधिकारियों के साथ स्थिति का आकलन करते हुए कहा कि ईरान के हमलों के जवाब में यह कार्रवाई जरूरी थी। 

ईरान की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शनिवार सुबह तेहरान के आसपास की सैन्य साइट पर जोरदार धमाके सुने गए। इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने भी पुष्टि की कि उन्होंने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं। इजरायल ने दावा किया कि यह हमले ईरान की ओर से पिछले महीने किए गए आक्रामक हमलों का जवाब है।


✲  ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते तनाव

1 अक्टूबर को ईरान द्वारा इजरायल पर हमले के बाद से तनाव बढ़ता ही जा रहा था। इजरायल ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कहा कि ईरान की लगातार आक्रामक गतिविधियों के चलते उसकी सुरक्षा खतरे में है। इजरायल ने स्पष्ट किया कि किसी भी संप्रभु राष्ट्र की तरह उसे भी आत्मरक्षा का अधिकार है।

हमले से पहले इजरायल ने अमेरिका को इसकी जानकारी दी थी। हालांकि, CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने यह स्पष्ट किया कि वह इस हमले में शामिल नहीं है। अमेरिकी प्रशासन ने इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया, लेकिन यह भी कहा कि तेल या परमाणु सुविधाओं पर हमला नहीं करना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हमलों से खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता और युद्ध की स्थिति बन सकती है, जिससे दुनिया भर में तेल के दाम भी बढ़ सकते हैं।


इजरायली हमले के दौरान सीरिया के सरकारी सूत्रों ने भी इजरायल द्वारा सीरिया के दक्षिण और मध्य क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों पर हमले की पुष्टि की है। SANA न्यूज एजेंसी ने दावा किया कि सीरिया की वायु रक्षा प्रणाली ने कुछ मिसाइलों को नष्ट कर दिया, हालांकि इस हमले से हुए नुकसान का आकलन अभी जारी है।

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव न केवल उनके लिए बल्कि पूरे मध्य पूर्व और दुनिया के लिए चिंता का विषय है। यदि यह संघर्ष एक बड़े युद्ध में बदलता है, तो इसके परिणामस्वरूप वैश्विक अस्थिरता में वृद्धि हो सकती है। इसके समाधान के लिए कूटनीतिक और राजनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाए रखा जा सके।