जसराना: वर्तनों की दुकान में पटाखों से लगी आग ने व्यापारी को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाया।


भारत के कई क्षेत्रों में दिवाली के दौरान आतिशबाजी और पटाखों का इस्तेमाल खुशी के प्रतीक के रूप में किया जाता है। हालांकि, यह परंपरा कभी-कभी गंभीर हादसों का कारण बन सकती है। ऐसा ही एक हादसा जसराना में हुआ, जहां शनिवार सुबह एक बर्तनों की दुकान में पटाखे की चिंगारी से आग लग गई। देखते ही देखते आग पूरे दुकान में फैल गई, जिसके कारण लाखों रुपये का नुकसान हो गया।

✲  जितेंद्र गुप्ता का आग लगने से हुआ नुकसान 

जसराना कस्बे के प्रतिष्ठित व्यापारी जितेंद्र गुप्ता की दुकान में लगी आग ने पूरे क्षेत्र में दुख की लहर दौड़ा दी। जितेंद्र गुप्ता पुत्र आरके गुप्ता का यह प्रतिष्ठान उनके परिवार की आय का मुख्य साधन था। दुकान में सुबह के वक्त काफी मात्रा में सामान भरा हुआ था। पटाखे की एक छोटी सी चिंगारी से लगी आग ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया। दुकानदार जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि इस हादसे में लाखों का नुकसान हुआ है, और उनका सालों की मेहनत का फल कुछ ही क्षणों में राख हो गया।


जसराना के लोग उस वक्त दिवाली के उल्लास में डूबे थे, जब यह हादसा हुआ। पटाखों के शोर और रोशनी के बीच किसी ने सोचा भी नहीं था कि थोड़ी सी लापरवाही इतनी बड़ी मुसीबत में बदल जाएगी। आग लगते ही दुकान में रखे बर्तन और अन्य सामान एक के बाद एक जलकर राख में बदल गए। दुकान के भीतर रखे प्लास्टिक और अन्य दहनशील पदार्थों ने आग को और अधिक भड़काया। इस प्रकार की घटनाओं से हर साल लाखों का नुकसान होता है, लेकिन यह घटना भी एक चेतावनी है कि हमारी लापरवाही कैसे मुसीबतों को न्योता देती है।

✲  आग बुझाने का प्रयास और स्थानीय लोगों की सहायता

जसराना के लोग जब घटना स्थल पर पहुंचे, तो उन्होंने दमकल कर्मियों के साथ मिलकर आग बुझाने में भरपूर प्रयास किया। दुकानदार की सूचना पर दमकल विभाग ने तुरंत अपनी गाड़ी वहां भेजी, लेकिन आग की भीषणता को देखते हुए एक गाड़ी से उसे बुझाना मुश्किल हो गया। स्थानीय लोग भी घटनास्थल पर पहुंचे और अपने सबमर्सिबल चलाकर आग बुझाने में योगदान दिया। कई घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार आग पर काबू पाया जा सका। गनीमत रही कि आग ने आसपास के घरों को चपेट में नहीं लिया, नहीं तो नुकसानी का आंकड़ा और भी बढ़ सकता था।

जितेंद्र गुप्ता जैसे छोटे व्यापारी के लिए इस प्रकार का नुकसान सह पाना बहुत कठिन है। सरकार और प्रशासन से उन्हें आर्थिक सहायता की उम्मीद है, ताकि वे अपनी दुकान फिर से शुरू कर सकें। दुकान में रखे सामान के जलने से उन्हें बड़ी आर्थिक हानि हुई है, जिसे बिना बाहरी सहायता के पूरा करना आसान नहीं है। इस प्रकार की घटनाओं में सरकार द्वारा तुरंत आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए, ताकि व्यापारी वर्ग की कठिनाइयों को कम किया जा सके और वे अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में वापस लौट सकें।


जसराना की इस दुखद घटना ने हम सभी को सुरक्षा और जागरूकता का संदेश दिया है। पटाखों का प्रयोग हमारी संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही से यह खुशी गम में बदल सकती है। जितेंद्र गुप्ता और उनके परिवार के साथ जो हुआ वह हर किसी को सोचने पर मजबूर करता है कि हमें अपनी और अपने आस-पास के लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए। स्थानीय प्रशासन को भी इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए और अधिक सतर्कता और संसाधनों की आवश्यकता है। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सामूहिक प्रयास और जागरूकता बेहद जरूरी है, ताकि दिवाली का त्योहार सिर्फ खुशियों का प्रतीक बना रहे।