✲ डिंपल यादव का भाजपा पर हमला
सपा की सांसद डिंपल यादव करहल के सपा कार्यालय के उद्घाटन के लिए पहुंची और इस दौरान उन्होंने भाजपा पर तीखे हमले किए। डिंपल ने भाजपा की ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा की बातों में दोगलापन है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी में नौ सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं, लेकिन भाजपा दसवीं सीट पर उपचुनाव नहीं करा पा रही है। डिंपल यादव का कहना था कि यह चुनाव सपा की विचारधारा और संविधान को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पीडीए गठबंधन प्रदेश की सभी नौ सीटों पर विजय हासिल करेगा, जैसे उन्होंने लोकसभा चुनाव में सफलता पाई थी।
डिंपल यादव ने आगे कहा कि भाजपा की विचारधारा समाज को बांटने की है, जबकि सपा का उद्देश्य सभी को साथ लेकर चलना है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह जमीन पर कोई ठोस काम नहीं कर रही है, बल्कि हवा में बातें करने में व्यस्त है। उनके अनुसार, इस उपचुनाव में एनडीए और पीडीए के बीच विचारधारा की लड़ाई होगी, जहां जनता को संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए सपा का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने बेरोजगारी, महिलाओं की सुरक्षा, और अत्याचार जैसे मुद्दों को उठाकर भाजपा सरकार पर सवाल खड़े किए।
डिंपल यादव के हमलों का जवाब देने के लिए भाजपा के कई प्रमुख नेता करहल में सक्रिय हो गए हैं। भाजपा के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, राज्यमंत्री अजीत पाल और प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर सिंह ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे करहल के उपचुनाव में पूरी मेहनत से जुटें और भाजपा के विचारों का प्रचार करें। भाजपा का मुख्य जोर इस बार परिवारवाद से निजात पाने और विकास के एजेंडे पर है। उनका कहना है कि करहल की जनता अब बदलाव चाहती है और परिवारवाद से ऊब चुकी है।
भाजपा के नेताओं ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सपा परिवारवाद की राजनीति में उलझी हुई है और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। भाजपा का कहना है कि करहल की जनता को असल विकास चाहिए, जो केवल भाजपा ही ला सकती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वे बूथ स्तर पर लोगों से संपर्क करके पार्टी के विकास के एजेंडे को समझाएं। भाजपा नेताओं का मानना है कि इस बार करहल की जनता सपा के परिवारवाद के खिलाफ जाकर कमल के फूल को वोट करेगी।
✲ उपचुनाव में प्रमुख मुद्दे
इस उपचुनाव में कई महत्वपूर्ण मुद्दे सामने आए हैं, जिन पर सपा और भाजपा दोनों अपना-अपना पक्ष रख रही हैं।
1. विचारधारा की लड़ाई: सपा और भाजपा के बीच यह चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि विचारधारा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। सपा की ओर से इसे संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई बताया जा रहा है, वहीं भाजपा इसे विकास और परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई बता रही है।
2. बेरोजगारी और महिला सुरक्षा: डिंपल यादव ने भाजपा सरकार पर राज्य में बेरोजगारी और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर असफल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा और महिलाओं की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है।
3. परिवारवाद बनाम विकास: भाजपा का कहना है कि सपा परिवारवाद की राजनीति कर रही है, जिससे करहल और उसके आसपास के क्षेत्रों में विकास कार्यों पर असर पड़ा है। भाजपा ने लोगों को परिवारवाद से निजात पाने का विकल्प देते हुए कहा कि असली विकास तभी संभव है, जब भाजपा की सरकार बनेगी।
4. विभाजनकारी राजनीति: डिंपल यादव ने भाजपा पर समाज में बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा का कहना है कि वे समाज को जोड़ने और एकता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा ने इसे ‘सबका साथ, सबका विकास’ के तौर पर प्रस्तुत किया है।
5. सोशल मीडिया पर नियंत्रण: उपचुनाव को निष्पक्ष बनाने के लिए प्रशासन ने सोशल मीडिया पर प्रचार को अनुमति के बिना न करने का निर्देश जारी किया है। जिला प्रशासन ने मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है, ताकि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के भ्रामक प्रचार से चुनाव को प्रभावित न किया जा सके।
करहल उपचुनाव उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जहां सपा और भाजपा दोनों अपने-अपने एजेंडे के साथ मैदान में हैं। डिंपल यादव के नेतृत्व में सपा जहां संविधान, लोकतंत्र और सबको साथ लेकर चलने की बात कर रही है, वहीं भाजपा विकास और परिवारवाद से निजात पाने का वादा कर रही है। जनता के मूड को देखकर यह कहना मुश्किल है कि कौन जीत हासिल करेगा, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि इस बार का उपचुनाव जनता के असली मुद्दों पर आधारित होगा।
यह चुनाव न केवल करहल बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक संदेश हो सकता है कि जनता किस विचारधारा के साथ आगे बढ़ना चाहती है – एकता, विकास और सुरक्षा के मुद्दों के साथ या परिवारवाद और विचारधारा की राजनीति के साथ।