सत्यापन की प्रक्रिया में विद्यालयों में उपलब्ध आधारभूत सुविधाओं की जांच की जाएगी, जैसे सीसीटीवी कैमरे, डीवीआर, वॉइस रिकॉर्डर, बिजली बैकअप, मजबूत कक्ष, पेयजल, शौचालय, और भवन की स्थिति। इस सत्यापन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि परीक्षा केंद्रों पर सभी जरूरी संसाधन मौजूद हों, ताकि परीक्षाओं का संचालन सुचारू रूप से हो सके और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।
यूपी बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों के लिए जो टीम गठित की हैं, उनमें एसडीएम अध्यक्ष, तहसीलदार, निर्माण विभाग के जेई, और राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य को शामिल किया गया है। ये टीमें अलग-अलग तहसीलों में जाकर विद्यालयों की स्थिति का अवलोकन करेंगी और अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपेंगी।
शिकोहाबाद, जसराना और फिरोजाबाद तहसीलों में विद्यालयों की संख्या अधिक होने के कारण इन जगहों पर दो-दो टीमों को लगाया गया है। इससे सुनिश्चित किया जा सके कि समय पर सभी विद्यालयों का सत्यापन हो और परीक्षा केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया में कोई विलंब न हो। सत्यापन के बाद प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर ही परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया जाएगा। यह प्रक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण है ताकि परीक्षा केंद्रों में समुचित व्यवस्था हो और विद्यार्थियों को परीक्षा देने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
उल्लेखनीय है कि जिले में कुल 573 माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं, जिनमें से 22 राजकीय विद्यालय हैं, जिन्हें इस सत्यापन प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। सभी सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों का सत्यापन किया जाना अनिवार्य है, ताकि परीक्षा केंद्रों का निर्धारण सटीक और विश्वसनीय तरीके से किया जा सके।
इस प्रकार, यह सत्यापन प्रक्रिया यूपी बोर्ड की पारदर्शिता और जिम्मेदारी को दर्शाती है, जिससे न केवल परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किया जा सकेगा, बल्कि परीक्षा प्रणाली में भी सुधार होगा।