जसराना क्षेत्र में कई स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। इनमें से अधिकतर विद्यालय 'कोचिंग सेंटर' या 'एकेडमी' के नाम से संचालित होते हैं, लेकिन वास्तव में ये विद्यालय के रूप में ही कार्य करते हैं। इन स्कूलों की मान्यता नहीं होने से विद्यार्थियों को सरकारी मान्यता प्राप्त विद्यालयों जैसी सुविधा नहीं मिल पाती। इसके साथ ही इन स्कूलों में मनमानी फीस वसूली जाती है, जो कि आम जनता के लिए आर्थिक बोझ साबित हो रही है।
✲ स्कूलों की मनमानी और इच्छा अनुसार फीस लेना
अवैध रूप से संचालित ये स्कूल अभिभावकों से अनाप-शनाप फीस वसूलते हैं। मनमानी फीस के अलावा इन स्कूलों में ड्रेस, किताबें, और अन्य आवश्यक सामग्री भी ऊंची कीमतों पर बेची जाती है। यहाँ तक कि कई स्कूल खुद से ही विद्यार्थियों के लिए ड्रेस और किताबों की दुकान तय कर देते हैं, जिससे अभिभावक चाहकर भी अन्य विकल्पों की तलाश नहीं कर पाते। प्रशासन द्वारा समय-समय पर इन स्कूलों पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन संचालक कुछ ही दिनों में नए स्थान पर विद्यालय संचालित करने लगते हैं। यह प्रशासन की उदासीनता या कमजोर कार्यप्रणाली का नतीजा हो सकता है। जसराना में हाल ही में एक कार्रवाई में कई विद्यालयों को बंद किया गया था, लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद संचालकों ने अपने स्कूलों को नए ठिकानों पर स्थानांतरित कर दिया और बच्चों की कक्षाएं फिर से चालू कर दीं।
अभिभावकों के पास बच्चों को इन अवैध स्कूलों में भेजने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता। गाँवों और छोटे कस्बों में अच्छे और मान्यता प्राप्त स्कूलों की कमी के कारण अभिभावक मजबूरी में अपने बच्चों को इन स्कूलों में भेजते हैं। संचालक इसका फायदा उठाकर अभिभावकों पर कई प्रकार का आर्थिक दबाव बनाते हैं। यह स्थिति शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करती है और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी अक्सर ऐसे स्कूलों के प्रति लापरवाह बने रहते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि उनकी जानकारी में एक ही स्कूल था, जिसकी अब मान्यता प्राप्त हो चुकी है। बाकी स्कूलों की जानकारी नहीं है। यह बयान प्रशासनिक स्तर पर हो रही उदासीनता को दर्शाता है।
जसराना में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूल शिक्षा की बुनियाद को कमजोर कर रहे हैं। शिक्षा का स्तर सुधारने और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए ऐसे स्कूलों पर सख्त और स्थायी कार्रवाई जरूरी है। अगर शिक्षा विभाग और प्रशासन उचित कदम उठाए, तो निश्चित रूप से इन अवैध स्कूलों को बंद किया जा सकता है और बच्चों को एक उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सकता है। समाज और प्रशासन के सहयोग से ही हम एक शिक्षित और सशक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं, जिसमें बच्चों का भविष्य सुरक्षित होगा और उन्हें उचित शिक्षा मिल सकेगी।