दिल्ली: 5,620 करोड़ की ड्रग्स जब्ती में कोकीन और गांजा बरामद, अंतरराष्ट्रीय तस्करी रैकेट का पर्दाफाश।

Delhi: Cocaine and marijuana recovered in drugs seizure worth Rs 5,620 crore, international smuggling racket busted | Roglance News

दिल्ली में हाल ही में पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा किए गए एक ऑपरेशन ने देश की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती का पर्दाफाश किया। इस ऑपरेशन में 5,620 करोड़ रुपये की अवैध ड्रग्स पकड़ी गई, जिसमें 562 किलोग्राम कोकीन और थाईलैंड से आयातित 40 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाली गांजा (मारिजुआना) शामिल थी। इस सफल ऑपरेशन ने ड्रग्स तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भंडाफोड़ किया और इसके परिणामस्वरूप चार लोगों की गिरफ्तारी भी हुई।

दिल्ली के महिपालपुर स्थित एक गोदाम से यह भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त की गई। पुलिस की जांच के अनुसार, यह ड्रग्स महाराष्ट्र से होते हुए दिल्ली पहुंची थी और इसका गहरा संबंध अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क से है। गिरफ्तार किए गए चार संदिग्धों की पहचान तुषार गोयल, भरत कुमार जैन, औरंगजेब सिद्दीकी, और हिमांशु कुमार के रूप में हुई है।


तुषार गोयल को इस गिरोह का मुख्य सरगना माना जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, तुषार को विदेश से ड्रग्स की सप्लाई होती थी, जिसे वह देशभर में वितरित करता था। गोयल का पारिवारिक पृष्ठभूमि व्यापारिक है। उसके पिता दिल्ली में 'तुषार पब्लिकेशन' और 'ने ट्यूलिप पब्लिकेशन' नाम से प्रकाशन हाउस चलाते हैं। यही नहीं, ड्रग्स का भंडारण उसी गोदाम में किया गया था, जो उनके परिवार के व्यवसायिक स्थान का हिस्सा है।

✲  तस्करी का तरीका और गिरोह की गतिविधियाँ

गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी अलग-अलग स्थानों से आते हैं, जिनमें से भरत कुमार जैन मुंबई का निवासी है और 15 किलोग्राम कोकीन लेने के लिए दिल्ली आया था। औरंगजेब सिद्दीकी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले का निवासी है और गिरोह के अन्य सदस्यों की सहायता करता था। हिमांशु कुमार और तुषार गोयल दिल्ली के निवासी हैं और इस गिरोह में सक्रिय रूप से शामिल थे। पुलिस की जांच से यह भी सामने आया है कि तुषार को विदेश से नियमित रूप से ड्रग्स की सप्लाई होती थी, जिसे वह भारत के विभिन्न हिस्सों में वितरित करता था।

इस पूरे तस्करी के नेटवर्क का संचालन बहुत ही सटीक और संगठित तरीके से किया जा रहा था। ड्रग्स की खेप विदेश से पहले महाराष्ट्र पहुंचती थी, जहां से इसे विभिन्न राज्यों में भेजा जाता था। इस खेप को दिल्ली लाने से पहले कई राज्यों से होते हुए इसे लाया गया था। यह नेटवर्क केवल ड्रग्स की तस्करी तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसे बड़े पैमाने पर देशभर में वितरित किया जाता था।

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रमोद कुशवाह के अनुसार, इस मामले में स्पेशल सेल ने न केवल भारी मात्रा में ड्रग्स को बरामद किया है, बल्कि तस्करों के कई मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच से और भी महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है।

•  अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का खुलासा

इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह तस्करी एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से जुड़ी हुई है। पुलिस की जांच से यह पता चला है कि तुषार गोयल और उसकी टीम केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी ड्रग्स की तस्करी से जुड़े हुए थे। तस्करी के इस जाल का खुलासा होने के बाद यह सवाल भी उठता है कि इतने बड़े पैमाने पर ड्रग्स का कारोबार कैसे चल रहा था और इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।


•  पुलिस की कार्रवाई और जांच

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देकर एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस प्रकार के ऑपरेशन से न केवल ड्रग्स तस्करी पर अंकुश लगेगा, बल्कि तस्करों के हौसले भी पस्त होंगे।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अनुसार, इन चारों आरोपियों पर मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम (NDPS Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसके तहत इन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी।

दिल्ली में पकड़ी गई 5,620 करोड़ रुपये की ड्रग्स की खेप न केवल एक बड़ी जब्ती है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि ड्रग्स तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क कितने खतरनाक और संगठित हैं। इस ऑपरेशन से पुलिस ने न केवल तस्करों का भंडाफोड़ किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस प्रकार के अपराधों से निपटने के लिए तत्पर हैं।

हालांकि, इस समस्या से निपटने के लिए समाज और सरकार दोनों की संयुक्त भूमिका अहम होगी। ड्रग्स तस्करी और उसके सेवन पर रोक लगाने के लिए सख्त कानूनों के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाना भी जरूरी है, ताकि हमारी युवा पीढ़ी इस घातक समस्या से दूर रह सके और एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की ओर कदम बढ़ा सके।