हादसे में जान गंवाने वाले लोगों में मीरा देवी (45) और उनके बेटे अमन कुशवाह (17), गौतम कुशवाह (16), धर्मेंद्र कुमार के बेटे अभिनव (डेढ़ साल) और बेटी इच्छा (3) शामिल थे। यह सभी लोग पटाखा गोदाम के पास रहने वाले थे, और विस्फोट के समय मलबे में दबकर उनकी मौत हो गई।
✲ पीड़ित परिवारों को मुआवजा
शनिवार को प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने शिकोहाबाद पहुँचकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि के चेक सौंपे। इसके अलावा जिन लोगों के मकान विस्फोट में पूरी तरह से ढह गए थे, उन्हें एक लाख बीस हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का भी आश्वासन दिया गया। मंत्री ने कहा कि सरकार पीड़ितों की हर संभव मदद करेगी और घायलों का भी समुचित इलाज किया जा रहा है।
हालांकि, मंत्री के इस दौरे के बाद पीड़ित परिवारों में नाराजगी देखी गई। उनका कहना था कि मंत्री ने सिर्फ मृतकों के परिवारों से मुलाकात की, लेकिन जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। स्थानीय निवासी मायाराम, जगदीश, धर्मेंद्र, पूजा, और अन्य पीड़ितों ने आरोप लगाया कि 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि से मकान का निर्माण संभव नहीं है। उन्होंने मांग की कि सरकार उन्हें मकान बनाकर दे, क्योंकि विस्फोट में उनका सब कुछ तबाह हो चुका है।
✲ डीएम रमेश रंजन द्वारा कार्रवाई
डीएम रमेश रंजन और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने नौशहरा का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों ने मलबे में दबे जानवरों के शवों से आने वाली दुर्गंध की शिकायत की, जिससे इलाके में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ था। डीएम ने मलबे को जल्द से जल्द हटाने के निर्देश दिए, ताकि गाँव में फैल रही दुर्गंध और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के दौरे के बाद गाँव के कई लोग नाराज हो गए। उनका कहना था कि मंत्री ने सिर्फ उन परिवारों से मुलाकात की जिनके घर के लोग मारे गए, लेकिन जिनके मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया गया। पीड़ित परिवारों का कहना था कि सरकार से मिलने वाली 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि से एक कमरे का निर्माण भी मुश्किल है। ऐसे में, उन परिवारों के लिए इस सहायता राशि का कोई महत्व नहीं है, जिनके मकान पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं।
गाँव के लोगों ने मांग की कि जिस मकान में पटाखों का गोदाम था, उसके मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि इस हादसे के लिए वही मकान मालिक जिम्मेदार है, जिसने अपने मकान को पटाखों के गोदाम के रूप में किराए पर दिया था। अगर उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में कोई भी इस तरह के विस्फोटक पदार्थों के लिए अपना मकान किराए पर देने से नहीं हिचकेगा। ग्रामीणों की मांग थी कि ऐसे मामलों में सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
विस्फोट में अपने दो बच्चों को खोने वाली गायत्री देवी ने बताया कि उनके इलाके में पेयजल की समस्या बनी हुई है। पाइपलाइन में नाली का पानी आ रहा है, जिससे इलाके के लोग बीमार पड़ सकते हैं। गायत्री देवी ने अधिकारियों से पाइपलाइन की मरम्मत कराने की मांग की, ताकि लोगों को साफ और सुरक्षित पेयजल मिल सके।
नौशहरा का यह हादसा पूरे शिकोहाबाद क्षेत्र के लिए एक कड़वा अनुभव साबित हुआ है। इस घटना ने जहाँ कई परिवारों को अनाथ कर दिया, वहीं प्रशासन और सरकार के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती है। पीड़ितों की मदद के लिए सरकार ने भले ही राहत राशि दी है, लेकिन उन परिवारों की समस्याएँ अभी भी बनी हुई हैं, जिनके मकान विस्फोट में क्षतिग्रस्त हो गए। गाँव के लोग प्रशासन से अधिक संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि वे इस दुखद घटना से उबर सकें और अपने जीवन को फिर से संवार सकें।