पीड़ित परिवारों ने सांसद यादव को बताया कि इस दुर्घटना ने उनकी सम्पूर्ण गृहस्थी, आभूषण, और नगदी को नष्ट कर दिया है। अभी तक घटना स्थल से मलबा भी पूरी तरह साफ नहीं किया गया है और उनके पास सिर छिपाने की भी कोई जगह नहीं है। पीड़ितों ने दुख व्यक्त किया कि राज्य सरकार की ओर से उन्हें अब तक कोई बड़ी सहायता नहीं मिली है।
✲ कम मुआवजे पर सांसद का विरोध
सांसद अक्षय यादव ने पीड़ितों की बात सुनने के बाद कहा कि सरकार द्वारा पीड़ितों को दिया जा रहा मुआवजा न केवल अपर्याप्त है, बल्कि असंवेदनशील भी है। उन्होंने सरकार से यह अपील की कि पीड़ितों को मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये दिए जाएं ताकि वे अपने घरों को फिर से बना सकें।
पीड़ितों ने सांसद से यह भी कहा कि मुआवजे के नाम पर सिर्फ 4 लाख रुपये दिए गए हैं, जबकि जिनके घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं, उन्हें मात्र एक लाख बीस हजार रुपये दिए जाने की बात कही गई है। ऐसे में एक लाख बीस हजार रुपये में एक पूरा मकान बनाना संभव नहीं है। पीड़ितों ने यह भी कहा कि क्षतिग्रस्त मकानों के लिए सरकार केवल 6,500 रुपये दे रही है, जो बेहद कम है और इस रकम से घर की मरम्मत भी नहीं हो सकती है।
सांसद ने भरोसा दिलाया कि वे सरकार से बातचीत कर पीड़ितों के लिए अधिक आर्थिक सहायता दिलाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और अपनी पार्टी की ओर से पीड़ितों की हरसंभव मदद करेंगे। साथ ही, सांसद निधि और विधायक निधि से पीड़ितों के लिए घर बनाने की भी व्यवस्था की जाएगी।
इस दौरान समाजवादी पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी पीड़ितों के समर्थन में अपनी आवाज उठाई। जिलाध्यक्ष शिवराज सिंह यादव, शिकोहाबाद विधायक डॉ. मुकेश वर्मा, सिरसागंज विधायक सर्वेश यादव सहित कई अन्य नेता मौके पर मौजूद थे। उन्होंने भी पीड़ितों की समस्याओं को सुना और सरकार से इस त्रासदी के पीड़ितों के लिए अधिक से अधिक मुआवजे की मांग की।
✲ पीड़ितों का धरना और उनकी मांग
नौशहरा की घटना के पीड़ित परिवार सरकार की ओर से मुआवजे में हो रही कटौती से नाखुश हैं। पीड़ितों ने बताया कि जिस मुआवजे का ऐलान किया गया है, उससे एक छोटे से कमरे का निर्माण भी संभव नहीं है। इसी असंतोष को लेकर पीड़ित परिवार धरने पर बैठ गए और राज्य सरकार से अपनी मांगें रखीं।
पीड़ितों का कहना है कि सरकार को मानवीय संवेदना दिखाते हुए मुआवजा राशि को बढ़ाना चाहिए और उनके घरों का पुनर्निर्माण कराना चाहिए। वे सरकार से धन की जगह स्थायी आवास की मांग कर रहे हैं। पीड़ितों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उनका कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलता, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
पीड़ित परिवारों की स्थिति को देखते हुए स्थानीय कोतवाली पुलिस ने मानवीय दृष्टिकोण से एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का फैसला किया है। कोतवाली पुलिस के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार ने बताया कि सभी पुलिसकर्मियों ने मिलकर यह फैसला किया है और यह राशि मंगलवार को पीड़ितों को सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मदद पीड़ितों के दुखों को कम करने के लिए दी जा रही है और यह समाज के प्रति उनके दायित्व का एक छोटा सा प्रयास है।
नौशहरा में हुए पटाखा गोदाम ब्लास्ट से प्रभावित पीड़ित परिवारों को कम मुआवजा मिलने के कारण असंतोष व्याप्त हो गया है। सपा सांसद अक्षय यादव ने पीड़ितों से मुलाकात की और सरकार द्वारा दिए गए मुआवजे को नाकाफी बताया। उन्होंने मांग की कि पीड़ित परिवारों को कम से कम 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अपने घर और जीवन को पुनः स्थापित कर सकें।
पीड़ितों ने बताया कि उनके घर, सामान, आभूषण, और नगदी सब कुछ विस्फोट में नष्ट हो गए हैं, लेकिन सरकार की ओर से दी गई मुआवजा राशि बहुत कम है। सांसद ने आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को सरकार और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने उठाएंगे, ताकि पीड़ितों को अधिक आर्थिक सहायता दिलाई जा सके।
इस घटना में 5 लोगों की मौत हो गई और 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। पीड़ितों की मांग है कि सरकार मुआवजा राशि न बढ़ाकर उन्हें मकान बनवाकर दे, क्योंकि घोषित राशि से घर की मरम्मत या पुनर्निर्माण संभव नहीं है। इस बीच, पुलिस ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए एक लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। वहीं, दोनों फरार आरोपी ताज और राजा ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है, जिन्हें अब रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।