फिरोजाबाद शहर टीटीजेड (ताज ट्रेपेजियम ज़ोन) के अंतर्गत आता है, जिसे पर्यावरण के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। इस कारण से यह क्षेत्र विशेष रूप से साफ हवा और निरंतर बिजली आपूर्ति की आवश्यकता रखता है, ताकि औद्योगिक इकाइयों को चलाने में कोई रुकावट न हो। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से शहर में बिजली आपूर्ति काफी खराब रही है। समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश चंद्र चंचल के नेतृत्व में सपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य अभियंता, विद्युत विभाग से मुलाकात की और इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की।
✲ शहर में बिजली की बड़ी समस्या
यह समस्या केवल हालिया दिनों की नहीं है; जून 2024 से ही शहर में बिजली की आपूर्ति में असमानता और अनियमितता देखी जा रही है। बिजली आपूर्ति के संदर्भ में एक आदर्श स्थिति यह होनी चाहिए कि 24 घंटे बिजली की उपलब्धता हो, खासकर ऐसे क्षेत्रों में जो टीटीजेड जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं। लेकिन, वास्तविकता यह है कि फिरोजाबाद के लोग केवल 12 से 14 घंटे की बिजली आपूर्ति प्राप्त कर पा रहे हैं, जिससे न केवल नागरिकों की व्यक्तिगत दिनचर्या प्रभावित हो रही है, बल्कि उद्योगों को भी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
फिरोजाबाद को ‘उद्योग नगरी’ के रूप में जाना जाता है, जहां कांच उद्योगों का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इन उद्योगों में बिजली की निरंतर आपूर्ति न केवल उत्पादन की निरंतरता के लिए आवश्यक होती है, बल्कि इनसे जुड़े हजारों श्रमिकों की रोज़ी-रोटी का भी सवाल होता है। इस स्थिति में, यदि बिजली की समस्या का समाधान नहीं होता, तो न केवल उद्योगों को नुकसान होगा, बल्कि जिले के राजस्व को भी बड़ा धक्का लग सकता है।
✲ सपा का आक्रोश और आंदोलन की तैयारी
समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि बिजली आपूर्ति में सुधार न होने की स्थिति में वे शहर की जनता के साथ मिलकर एक व्यापक आंदोलन करेंगे। सपा नेताओं के अनुसार, यह सिर्फ एक राजनैतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जनहित का मुद्दा है। बिजली आपूर्ति के संदर्भ में हो रही अनियमितताओं का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है, जिनमें छोटे व्यवसायी, उद्योगपति और आम लोग शामिल हैं।
सपा द्वारा बिजली विभाग के खिलाफ धरना-प्रदर्शन की चेतावनी जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसमें शहर की जनता को भी शामिल किया जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार और प्रशासन को यह दिखाना होगा कि जनता की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और समय रहते उनका समाधान करना आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बिजली आपूर्ति की स्थिति कई बार चर्चा में रही है। बिजली संकट का सामना केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि शहरी इलाकों में भी होता है। फिरोजाबाद में यह समस्या इस कारण और अधिक जटिल हो जाती है क्योंकि यह टीटीजेड के तहत आता है और यहां बिजली आपूर्ति की नियमितता और स्वच्छता का महत्व और भी बढ़ जाता है। बिजली आपूर्ति के सुधार के लिए सरकार को नीतिगत स्तर पर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। विद्युत विभाग को इस मामले में जनता की समस्याओं को प्राथमिकता पर रखते हुए एक स्थायी समाधान निकालने की दिशा में प्रयास करने चाहिए।
फिरोजाबाद की विद्युतापूर्ति की समस्या ने जनता को परेशान किया है, और सपा द्वारा इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी से इस मुद्दे को एक नया आयाम मिला है। सरकार और प्रशासन को इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए और जनहित में जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
बिजली की आपूर्ति केवल एक बुनियादी सुविधा नहीं है, बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक विकास का एक प्रमुख हिस्सा है। यदि इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो न केवल उद्योगों को नुकसान होगा, बल्कि सरकार को भी राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ेगा।