मंगलवार की शाम को सुरक्षाबलों को सूचना मिली कि चार आतंकी उधमपुर जिले के पटनीटॉप के पास जंगल में घुस आए हैं। यह सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों ने तत्परता से कार्रवाई शुरू कर दी। शाम छह बजे सुरक्षाबलों का आतंकियों से सामना हुआ और आधे घंटे तक दोनों ओर से गोलीबारी चलती रही। आतंकवादी इस गोलीबारी के बाद डोडा जिले के अस्सर के जंगलों की ओर भाग निकले। सुरक्षाबलों ने उनका पीछा करना जारी रखा और रातभर घेराबंदी की।
✲ कैप्टन दीपक सिंह का बलिदान
कैप्टन दीपक सिंह देहरादून के कुआंवाला क्षेत्र के रहने वाले थे। उनके पिता महेश सिंह उत्तराखंड पुलिस से इसी साल अप्रैल में रिटायर हुए हैं। दीपक अपनी दो बहनों के इकलौते भाई थे। उनके माता-पिता वर्तमान में उनकी बड़ी बहन के पास केरल गए हुए हैं। 13 जून, 2020 को सेना में कमीशन पाने वाले कैप्टन दीपक 48 राष्ट्रीय राइफल्स में सिग्नल अधिकारी थे।
बुधवार की सुबह करीब 7:30 बजे आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एक बार फिर गोलीबारी शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सेना की 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक सिंह ने वीरता का परिचय दिया। कैप्टन दीपक सिंह एक टीम का नेतृत्व कर रहे थे और उनके सिर में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश वह अपनी जान नहीं बचा सके और बलिदान हो गए। उनके बलिदान ने देश को एक और वीर सपूत खोने का गम दिया।
मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया। इस आतंकी का शव बरामद कर लिया गया और मुठभेड़ स्थल से एक अमेरिकी एम 4 कार्बाइन, एक एके-47 राइफल, खून से सने चार बैग और भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद किया गया। इन बैगों में आतंकियों के आवश्यक सामान और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज हो सकते हैं। मुठभेड़ के दौरान एक नागरिक भी घायल हुआ। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि आतंकवादी केवल सुरक्षाबलों के लिए ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर रखा है और तलाशी अभियान जारी है ताकि अन्य आतंकियों को भी पकड़ा जा सके।
✲ उत्तराखंड के सीएम ने श्रद्धांजलि दी
जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, सैन्य ऑपरेशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख शामिल थे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करना था।
हाल के दिनों में जम्मू संभाग में आतंकी हमलों में वृद्धि देखी गई है। दस अगस्त को अनंतनाग में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी में दो सैनिक बलिदान हुए और एक नागरिक की भी मृत्यु हुई। कठुआ में सेना के काफिले पर हमला और डोडा-उधमपुर में हुई झड़पें इस बात का प्रमाण हैं कि आतंकी गतिविधियों में वृद्धि हो रही है। जुलाई तक आतंकी वारदातों में 28 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैप्टन दीपक सिंह को नमन करते हुए कहा कि वह एक वीर सपूत थे जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा और वह देशवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
डोडा मुठभेड़ में कैप्टन दीपक सिंह का बलिदान और सुरक्षाबलों की वीरता ने पूरे देश को गर्व महसूस कराया है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे जवानों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा। हमें अपने देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना होगा और आतंकवाद के खिलाफ हर संभव प्रयास करना होगा। कैप्टन दीपक सिंह जैसे वीर जवानों का बलिदान हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहें और अपने देश को सुरक्षित और समृद्ध बनाएं।