बरेली और आगरा की भयावह घटनाएं, बेटियों के लिए असुरक्षित समाज।

Horrific incidents of Bareilly and Agra, society unsafe for daughters | Roglance News

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हाल ही में एक नाबालिग छात्रा के साथ हुई दर्दनाक घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। 14 वर्षीय नाबालिग छात्रा, जो दुष्कर्म का शिकार हुई थी, ने अपने ऊपर डीजल डालकर आत्महत्या कर ली। यह घटना बरेली के भोजीपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव की है, जहां एक किसान की बेटी अपने माता-पिता के ससुराल जाने के बाद अपने घर पर अकेली थी। इसी दौरान, उसके साथ पढ़ने वाला एक नाबालिग छात्र अपने साथी के साथ घर में घुस आया और पीड़िता को खींचकर गन्ने के खेत में ले गया। वहां उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। 

पीड़िता की बड़ी बहन के मौके पर पहुंचने पर आरोपी वहां से भाग गए। पीड़िता इस घटना से आहत थी और न्याय की आस लगाए बैठी थी। लेकिन आरोपियों के परिवार की दबंगई के चलते पीड़िता का परिवार दबाव में था और मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए था। अंततः पुलिस ने पिता की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की और एक आरोपी को हिरासत में लिया। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

✲  पीड़िता ने आग लगाकर दी अपनी जान

दुष्कर्म के बाद पीड़िता की मानसिक स्थिति अत्यंत ही नाजुक हो गई थी। वह इस सदमे से उबर नहीं पाई और उसने मंगलवार को खुद पर डीजल छिड़ककर आत्मदाह कर लिया। इस दर्दनाक घटना के बाद परिवार ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसकी गंभीर हालत के चलते उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। लेकिन, दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।


इस घटना ने समाज और प्रशासनिक व्यवस्था के सामने कई गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। क्या हमारे समाज में दुष्कर्म पीड़िताओं को न्याय मिलना इतना कठिन हो गया है कि उन्हें आत्महत्या का रास्ता अपनाना पड़ता है?

✲  आगरा में 8 साल की बच्ची के साथ किया दुष्कर्म

आगरा के ताजगंज क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। एक 8 साल की मासूम बालिका के साथ उसके ही पड़ोसी युवक ने दुष्कर्म किया, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गई। यह घटना ना सिर्फ बालिका के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने बच्चों के प्रति सतर्कता बरतने की कितनी ज़रूरत है।

मंगलवार की दोपहर, जब बालिका स्कूल से घर लौटी, वह अपने पास की दुकान से नमकीन का पैकेट लेने गई थी। उसी दौरान पड़ोसी युवक, आजाद राठौर, जो कबाड़ का काम करता है, ने उसे रास्ते में रोक लिया। आजाद ने बालिका को कुछ गत्ते के डिब्बे पकड़ाकर अपने घर की छत पर पहुंचाने के लिए कहा। बालिका, जो कि अक्सर उसके घर जाती थी और उसके भाई की बेटी को खिलाया करती थी, बिना किसी संदेह के उसकी बात मानकर उसके साथ चली गई।

लेकिन, इस बार नियति ने उसके लिए कुछ और ही तय कर रखा था। छत पर पहुंचने के बाद, आजाद ने उसके साथ दुष्कर्म किया। बालिका की हालत बिगड़ने पर उसने उसे धमकाया और घर छोड़ दिया। मासूम, खून से लथपथ हालत में अपने घर पहुंची। इसके बाद, आजाद भी उसके घर पहुंचा और बालिका की माँ से झूठ कहा कि वह सीढ़ियों से गिर गई है। फिर उसने माँ और बेटी को अपनी स्कूटी पर बैठाकर पहले एक क्लीनिक और फिर एक बड़े अस्पताल में पहुंचाया।


जब बालिका को अस्पताल ले जाया गया, तो चिकित्सक को स्थिति संदिग्ध लगी। डॉक्टर ने बालिका की काउंसिलिंग की, जहां उसने सारी घटना की जानकारी दी। इसके बाद, परिवार ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी आजाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

बालिका के पिता एक मजदूर हैं और परिवार में कुल चार सदस्य हैं — माता-पिता, एक बेटा और एक बेटी। यह घटना इस परिवार के लिए एक बड़ा आघात है। बेटी की हालत देखकर माँ का दिल दहला हुआ है। एक मासूम के साथ इस तरह की घटना ने समाज के सभी सदस्यों को गहरी चोट पहुंचाई है

निष्कर्ष: इस लेख के द्वारा हम अपने क्षेत्र के भाई, माता-पिता, बहनों को सूचित करना चाहते हैं कि अपनी बहन-बेटियों की देखभाल करे। उन्हे घर से बाहर ज्यादा समय तक न भेजे यदि हो सके तो उनके साथ जाए, उन्हे कोचिंग संस्थान व स्कूल स्वयं छोड़ने जाए। और छोटी बच्चियों को ज्यादा किसी के साथ खेलने न दे। हम ये बात आगरा में 8 साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के आधार पर कह रहे हैं, क्योंकि आज के युग में कौन क्या सोच रखता है किसी को नहीं पता। 

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