जन्माष्टमी के त्योहार के अवसर पर राधा कृष्ण मंदिर और राधा मोहन मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों और विदेशी फूलों से सजाया गया है। इस पावन अवसर पर घर-घर में कान्हा के जन्मोत्सव की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। भक्तों ने लड्डू गोपाल के लिए पालना, नए कपड़े और अन्य सजावटी सामान की जमकर खरीदारी की है। इस त्योहार के लिए नगर के प्रमुख मंदिरों जैसे बफिबिहारी मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, राधामोहन मंदिर और घंटाघर स्थित राधाकृष्ण मंदिर को भी रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। इन मंदिरों में लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव की खास तैयारियाँ की गई हैं।
त्योहार के दिन बाजारों में भी काफी भीड़ देखी गई। रविवार को दिनभर बाजार गुलजार रहे और लोगों ने लड्डू गोपाल और राधे रानी के कपड़े, पालना, फल, फूल, माला और मेवा की दुकानों पर भीड़-भाड़ की। बांकेबिहारी मंदिर के महंत मुन्नालाल शास्त्री ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारी पूरी हो चुकी है। रात के समय चंद्रोदय के अवसर पर लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान कराकर चंदन, फल, फूल, मक्खन, मिश्री, मेवा और मिष्ठान का भोग अर्पित किया जाएगा। सुबह आठ बजे भगवान कृष्ण का अभिषेक होगा, जबकि 10 बजे श्रृंगार किया जाएगा। शाम छह बजे से रात्रि 12 बजे तक भजन संध्या आयोजित की जाएगी। राधाकृष्ण मंदिर में भी सुबह पूजन होगा और मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है।
इस बार जन्माष्टमी पर एक विशेष संयोग बन रहा है। पंडित मुन्नालाल शास्त्री के अनुसार, इस बार जयंती योग नामक दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। गृहस्थ जीवन और वैष्णव संप्रदाय वाले इस साल एक ही दिन जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। यह विशेष संयोग 26 अगस्त को जयंती योग में बनेगा। इस योग में जन्माष्टमी का व्रत करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान कृष्ण के आशीर्वाद से समृद्धि की प्राप्ति होती है।
माखन मटकी केक की भी इस बार काफी मांग देखी जा रही है। केक विक्रेताओं ने विशेष रूप से मटकी की डिजाइन का केक बनाया है जिसमें माखन गिरता हुआ दिखाया गया है। इस माखन मटकी केक की डिमांड काफी अधिक है और लोग इसे ऑर्डर कर रहे हैं। इसके साथ ही, झूले की भी काफी मांग है, जिसमें वृंदावन की पगड़ी और राजकोट का विशेष झूला बाजार में उपलब्ध है। बांसुरी और रेशम का गद्दा, तकिया, मोरपंख, मुकुट और मोतियों की माला भी ग्राहकों को आकर्षित कर रही है। 20 रुपये से लेकर 250 रुपये तक की पोशाक ज्यादातर दुकानों पर उपलब्ध है।
इस प्रकार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व को लेकर फिरोजाबाद में एक अनोखा उत्सव देखने को मिल रहा है। मंदिरों की भव्य सजावट, बाजारों की रौनक और भक्तों की तैयारियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि इस बार का जन्माष्टमी पर्व विशेष रूप से यादगार होने वाला है। यह त्योहार केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो हमें एकता, समर्पण और भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
निष्कर्ष: इस विशेष अवसर पर, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के आगमन की धूमधाम और भव्यता ने फिरोजाबाद को एक नए रंग में रंग दिया है। सुहागनगरी की सजावट, जो नंदगांव के मंदिरों से प्रेरित है, इस त्योहार की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को और भी उजागर करती है। सभी प्रमुख मंदिरों को चमकदार रोशनी, विदेशी फूलों और रंग-बिरंगे सजावट से सजाया गया है, जबकि बाजारों में कृष्ण भक्तों की भीड़ और उत्साह देखने लायक है।
इस बार का जन्माष्टमी पर्व विशेष है, क्योंकि दुर्लभ जयंती योग का संयोग बन रहा है, जो इस पावन दिन की महत्वता को और बढ़ा रहा है। लोग विशेष पूजा-अर्चना, भव्य श्रृंगार और माखन मटकी केक की खासियत का आनंद उठा रहे हैं। मंदिरों में की जा रही भव्य सजावट और पूजा की तैयारियां इस बात की गवाह हैं कि यह पर्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव के रूप में भी मनाया जा रहा है। इस प्रकार, कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सबके जीवन में खुशियाँ और समृद्धि लेकर आए, यही कामना है।