मथुरा: CM योगी ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव का शुभारंभ और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

CM Yogi in Mathura | Roglance News

भारत के प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए संत समाज की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। आज के समय में जब देश के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी हो रही हैं, तब संतों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। यह वक्त है जब संत समाज को आगे आकर न केवल धार्मिक धरोहरों की रक्षा करनी चाहिए बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता को भी बनाए रखना चाहिए। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भाग लिया जहाँ उन्होंने विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने संत समाज से अपील की कि वे देश और सनातन धर्म की रक्षा के लिए आगे आएं।

मथुरा, जो भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र भूमि है, सदियों से धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है। यहाँ पर आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत और सनातन धर्म के सामने कई चुनौतियाँ हैं, जिनसे निपटने के लिए संत समाज को आगे आना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समय है जब हमें एकजुट होकर देश की रक्षा करनी है और किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देना है।

✲  सनातन धर्म की रक्षा में संतों की भूमिका

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि यदि हमें अपनी मंदिरों, मठों, और पूजा पद्धतियों को जीवित रखना है तो संतों को समाज को एकजुट करना होगा। सनातन धर्म की यह विशेषता है कि यह युगों-युगों से चला आ रहा है और हमें इसे हर हाल में संरक्षित रखना होगा।सनातन धर्म की रक्षा केवल धार्मिक या सांस्कृतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह भारत की अस्मिता और राष्ट्रीय एकता से भी जुड़ा हुआ है। हमारे धर्मगुरुओं और संतों ने हमेशा से इस देश को एकता के सूत्र में पिरोया है और आज भी उनकी यही भूमिका है।


सीएम योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मंदिर तोड़े जा रहे हैं और हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है, जो अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने विपक्ष की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और कहा कि विपक्ष फिलिस्तीन के मुद्दे पर तो बोलता है लेकिन बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर मौन साधे हुए है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि 1947 से पहले बांग्लादेश भी भारत का हिस्सा था और 1971 में भारतीय सैनिकों ने अपने बलिदान देकर उसे बचाया था। उन्होंने कहा कि आज हमें विभाजनकारियों और उनकी नीतियों को उजागर करना होगा। देश की जनता को वर्तमान चुनौतियों को समझना होगा और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा।

✲  योगी आदित्यनाथ आस्था का सम्मान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार आस्था का सम्मान करते हुए विकास की राह पर चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि 2045 तक विरासत और विकास के समन्वय के साथ एक नया भारत विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज का उत्तर प्रदेश, जो पहले गुंडाराज और भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता था, अब धार्मिक उत्सवों और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए जाना जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता को समय के साथ सुविधाएँ प्रदान करना शासन और प्रशासन की जिम्मेदारी है। जो विकास अध्यात्म और संस्कृति को सहेजते हुए किया जाता है, उसे सदियाँ याद रखती हैं। ब्रज क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रज की विरासत को सहेजते हुए यहाँ विकास कार्य किए जा रहे हैं।


सनातन धर्म के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भावनाएँ स्पष्ट हैं। उनका मानना है कि अगर हमें अपने धार्मिक धरोहरों को सुरक्षित रखना है तो संत समाज को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा। यह धर्म केवल पूजा पद्धतियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन का आधार और हमारी राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है। भारत की संस्कृति और धर्म सदियों से देश की एकता और अखंडता का सूत्रधार रहे हैं। संत समाज ने हमेशा इस देश को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दिशा दी है। अब समय आ गया है कि वे फिर से अपनी भूमिका निभाएं और देश की रक्षा में योगदान दें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विचार और संत समाज की भूमिका को लेकर उनका दृष्टिकोण स्पष्ट है। उन्होंने न केवल धार्मिक धरोहरों के संरक्षण पर बल दिया, बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए भी संत समाज को आगे आने की अपील की। सनातन धर्म की रक्षा केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय अस्मिता और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। आज के समय में जब देश के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी हैं, तब संत समाज की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उन्हें न केवल धार्मिक धरोहरों की रक्षा करनी चाहिए, बल्कि देश की रक्षा में भी अपना योगदान देना चाहिए। 

इस प्रकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मथुरा दौरा और उनकी संत समाज के प्रति अपील एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल धार्मिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में बल्कि देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की दिशा में भी है। संत समाज को चाहिए कि वह इस अपील को गंभीरता से ले और देश की रक्षा में अपना योगदान दे। यही समय की माँग है और यही संत समाज का कर्तव्य है।