साइबर अपराध से बचने के लिए सावधान और सतर्क रहें।: रंजना गुप्ता

Firozabad | Roglance News

आज के डिजिटल युग में, टेक्नोलॉजी हमारी जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। इंटरनेट और स्मार्टफोन के माध्यम से हम पूरी दुनिया से जुड़े रहते हैं। हालांकि, इस तकनीकी प्रगति ने हमें कई सुविधाएं प्रदान की हैं, लेकिन इसके साथ-साथ साइबर अपराध का खतरा भी बढ़ गया है।

इसी उद्देश्य से साइबर अपराध से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने के लिए अमर उजाला फाउंडेशन ने मंगलवार को फिरोजाबाद के पंडित मुरारीलाल सीनियर सेकेंड्री स्कूल में "पुलिस की पाठशाला" का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में महिला थाना प्रभारी रंजना गुप्ता ने छात्राओं को साइबर अपराध से बचाव के लिए जरूरी कानून और सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी।

✲  साइबर अपराध पर थाना प्रभारी रंजना गुप्ता का बयान

महिला थाना प्रभारी रंजना गुप्ता ने बताया कि आज के युग में जब हम मोबाइल और इंटरनेट के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते, तब सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग भी तेजी से बढ़ा है। इसके कारण साइबर अपराध भी उसी तेजी से बढ़ रहे हैं। आजकल, हैकिंग, फिशिंग, साइबर बुलिंग, डेटा चोरी, और ऑनलाइन फ्रॉड जैसे साइबर अपराधों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कई बार, साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर मासूम लोगों को निशाना बनाते हैं।

रंजना गुप्ता ने छात्राओं को बताया कि इन अपराधों से बचने के लिए सतर्कता और सावधानी ही सबसे बेहतर उपाय है। यदि किसी के साथ भी ऑनलाइन ठगी या साइबर अपराध होता है, तो उसे तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए।


थाना प्रभारी ने बताया कि सोशल मीडिया का उपयोग करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर अंजान लोगों की दोस्ती कभी-कभी बहुत महंगी पड़ सकती है। अनजान लोगों के साथ बातचीत करने से बचना चाहिए, और किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी निजी जानकारी साझा करने से बचें। उन्होंने फेक अकाउंट्स के बारे में भी सचेत किया और कहा कि फेक अकाउंट बनाने और इस्तेमाल करने से साइबर अपराधियों के लिए आपके निजी डेटा तक पहुंचना आसान हो जाता है।

महिला थाना प्रभारी ने नशे के विषय पर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था में, कई बच्चे शौकिया तौर पर नशे का सेवन करना शुरू कर देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें इसकी आदत हो जाती है। नशे की आदत से न केवल उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि यह उन्हें अपराध और साइबर अपराधियों के जाल में भी फंसा सकता है। उन्होंने छात्राओं को नशे से दूर रहने और इस तरह के मामलों में जागरूक रहने का संदेश दिया।

थाना प्रभारी ने नशे के विषय पर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था में, कई बच्चे शौकिया तौर पर नशे का सेवन करना शुरू कर देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें इसकी आदत हो जाती है। नशे की आदत से न केवल उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि यह उन्हें अपराध और साइबर अपराधियों के जाल में भी फंसा सकता है। उन्होंने छात्राओं को नशे से दूर रहने और इस तरह के मामलों में जागरूक रहने का संदेश दिया।

इस कार्यक्रम में महिला थाना प्रभारी ने कानून से जुड़े सवाल भी छात्राओं से पूछे और सही जवाब देने पर छात्राओं को पुरस्कृत किया। छात्रा अनन्या बघेल, वैष्णवी भारद्वाज, आनंद शर्मा, हिमांशु कुमार, और दीपांशु राठौर को पुस्तक देकर सम्मानित किया गया।

स्कूल के डायरेक्टर मनोज गर्ग ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से पुलिस और आम नागरिकों के बीच की दूरी को कम किया जा सकता है। यह जागरूकता कार्यक्रम न केवल बच्चों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे छात्रों को न केवल साइबर अपराधों से बचने की जानकारी मिली, बल्कि वे अपने कानूनी अधिकारों के बारे में भी जागरूक हुए।