हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत के लिए एक अद्यतन यात्रा परामर्श जारी किया है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों को अपराध, आतंकवाद और हिंसा के कारण "स्तर 4: यात्रा न करें" की श्रेणी में रखा गया है। यह परामर्श विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर, भारत-पाकिस्तान सीमा, मणिपुर, और मध्य तथा पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों के लिए जारी किया गया है। यह जानकारी न केवल अमेरिकी नागरिकों के लिए बल्कि अन्य अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो भारत यात्रा की योजना बना रहे हैं।
जम्मू और कश्मीर, विशेष रूप से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र और इसकी राजधानी लेह को छोड़कर, आतंकवाद और नागरिक अशांति के कारण अत्यधिक जोखिमपूर्ण माना गया है। यह क्षेत्र पिछले कई दशकों से आतंकवाद और सैन्य संघर्ष का केंद्र बना हुआ है। नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अक्सर हिंसा और सशस्त्र संघर्ष होते रहते हैं, जो स्थानीय निवासियों और पर्यटकों दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी इन घटनाओं का असर पड़ता है, जिससे पर्यटकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
मणिपुर को "स्तर 4: यात्रा न करें" की श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि यहां हिंसा और अपराध का खतरा बना रहता है। जातीय-आधारित नागरिक संघर्ष के कारण व्यापक हिंसा और सामुदायिक विस्थापन की खबरें भी सामने आई हैं। मणिपुर में सरकारी ठिकानों पर हमले नियमित रूप से होते रहते हैं, जो इसे यात्रा के लिए अत्यधिक असुरक्षित बनाते हैं। अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों को मणिपुर जाने से पहले पूर्व अनुमति लेनी पड़ती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह क्षेत्र कितना जोखिमपूर्ण है।
✲ भारत-पाकिस्तान सीमा: सशस्त्र संघर्ष और आतंकवाद
भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के भीतर के क्षेत्र को भी यात्रा के लिए खतरनाक माना गया है। यहां सशस्त्र संघर्ष की संभावना और आतंकवाद का खतरा हमेशा बना रहता है। यह क्षेत्र अक्सर दोनों देशों के बीच तनाव का केंद्र होता है, जिससे यहां की यात्रा विशेष रूप से जोखिमपूर्ण हो जाती है। यहां की अस्थिर स्थिति को देखते हुए, पर्यटकों को इस क्षेत्र से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
मध्य और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में माओवादी चरमपंथी समूह या "नक्सली" सक्रिय हैं। ये क्षेत्र पूर्वी महाराष्ट्र और उत्तरी तेलंगाना से लेकर पश्चिमी पश्चिम बंगाल तक फैले हुए हैं। इन इलाकों में स्थानीय पुलिस, अर्धसैनिक बलों और सरकारी अधिकारियों पर हमले होते रहते हैं। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ और झारखंड के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों द्वारा कई आतंकवादी हमले किए गए हैं। इन क्षेत्रों में यात्रा करते समय विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
पूर्वोत्तर राज्यों को "स्तर 3: यात्रा पर पुनर्विचार करें" की श्रेणी में रखा गया है। यहां जातीय विद्रोही समूह कभी-कभी हिंसा की घटनाओं को अंजाम देते हैं। असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा में हाल ही में कोई बड़ी हिंसा की रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन फिर भी इन क्षेत्रों की यात्रा करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इन क्षेत्रों में बसों, ट्रेनों, रेल लाइनों और बाजारों में बम विस्फोट जैसे घटनाएं भी घटित हो सकती हैं।
✲ अमेरिकी नागरिकों के लिए विशेष सलाह
अमेरिकी सरकार के पास ग्रामीण क्षेत्रों में अपने नागरिकों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने की सीमित क्षमता है। इन क्षेत्रों में जाने के लिए अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों को विशेष अनुमति लेनी होती है। इसके अलावा, अमेरिकी नागरिकों को भारत की यात्रा करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। बलात्कार और यौन उत्पीड़न जैसे अपराध भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं, और आतंकवादी हमले बिना किसी चेतावनी के हो सकते हैं। पर्यटक स्थलों, परिवहन केंद्रों, बाजारों और सरकारी सुविधाओं को निशाना बनाया जा सकता है।
मध्य और पूर्वी भारत में माओवादी या नक्सली हिंसा का खतरा बहुत अधिक है। ये चरमपंथी समूह बड़े क्षेत्र में सक्रिय हैं, जो पूर्वी महाराष्ट्र और उत्तरी तेलंगाना से लेकर पश्चिमी पश्चिम बंगाल तक फैले हुए हैं। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ और झारखंड के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों द्वारा नियमित रूप से हिंसक घटनाएं की जाती हैं। इन क्षेत्रों में यात्रा करना अत्यधिक जोखिमपूर्ण हो सकता है, इसलिए अमेरिकी नागरिकों को इन क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा स्थिति अस्थिर बनी हुई है। जातीय विद्रोही समूहों द्वारा की जाने वाली हिंसक घटनाओं के कारण इन क्षेत्रों की यात्रा करना जोखिमपूर्ण हो सकता है। असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा में हाल ही में कोई बड़ी हिंसा की रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन फिर भी इन क्षेत्रों की यात्रा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। इन क्षेत्रों में बम विस्फोट और अन्य आतंकवादी गतिविधियां हो सकती हैं, जो पर्यटकों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं।
भारत एक अद्वितीय और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश है, लेकिन हालिया अमेरिकी यात्रा परामर्श में उल्लेखित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, यात्रा करते समय सतर्क रहना आवश्यक है। यह परामर्श न केवल अमेरिकी नागरिकों के लिए बल्कि सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपनी यात्रा की योजना बनाते समय इन खतरों का आकलन कर सकें और सुरक्षित रह सकें। विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते अपराध, आतंकवाद और हिंसा के कारण यह आवश्यक है कि यात्रियों को इन खतरों के बारे में जागरूक किया जाए और उन्हें सुरक्षित यात्रा के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी जाए।