आतंकवाद को राष्ट्रीय नीति में शामिल करने वाले देशों की राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण।

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आतंकवाद एक ऐसा वैश्विक संकट है जो न केवल निर्दोष जीवनों को प्रभावित करता है, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी उत्पन्न करता है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे को उठाते हुए विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया है। भारत का मानना है कि कुछ देश आतंकवाद को अपनी सरकारी नीति के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहयोग पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस लेख में, हम आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख, पाकिस्तान और चीन की भूमिकाओं, और इसके अंतरराष्ट्रीय प्रभावों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रभारी और उप स्थायी प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंडों से बचने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब हम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की बात करते हैं, तो आतंकवाद सबसे गंभीर खतरों में से एक है। हमें आतंकवाद पर दोहरे मानदंडों से बचना चाहिए और इसे एकजुट होकर समाप्त करना चाहिए। 

रवींद्र ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के संदर्भ में चीन और पाकिस्तान की भूमिका पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि दोनों देश एससीओ को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। रवींद्र ने बिना किसी देश का नाम लिए आतंकवाद को पाकिस्तान से जोड़ा और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की जरूरत पर जोर दिया।

✲  पाकिस्तान में हिंदू लड़की की बरामदगी की मांग

पाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थान से गायब हुई एक हिंदू लड़की के माता पिता ने रहस्मय ढंग से लड़की के गायब होने के कुछ समय बाद बरामदगी की मांग पर करांची में विरोध प्रदर्शन किया। गायब हुई बच्ची प्रिया कुमारी थी जिसकी उम्र 7 वर्ष है। 7 वर्षीय प्रिया कुमारी के 19 अगस्त, 2021 को पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत में सुक्कु सुक्कुर के पास संगरार में घर के पास से मुहर्रम आशूरा जुलूस में शर्वत परोसते समय गायब होने की रिपोर्ट है। अपनी छोटी बच्ची को ढूंढते हुए थक चुके माता पिता , राज कुमार पाल और उनकी पत्नी बीना कुमारी ने कराची के क्लिफ्टन इलाके में प्रसिद्ध तीन तलवार स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया।


भारत ने हमेशा मध्य एशियाई हितों और आकांक्षाओं को प्राथमिकता दी है। क्षेत्र में सहयोग समर्थन के तहत भारत ने विकासात्मक परियोजनाओं के लिए एक अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन की पेशकश की है। भारत क्षेत्र के देशों में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अनुदान भी दे रहा है। भारत ने भारत-मध्य एशिया संवाद मंच भी बनाया है।

✲  आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका ने लगाए आरोप

अमेरिकी स्थायी प्रतिनिधि लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने एससीओ के आतंकवाद विरोधी प्रयासों पर सवाल उठाया। उन्होंने एससीओ देशों पर आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ने की आड़ में धार्मिक अल्पसंख्यकों के दमन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्य देशों ने क्षेत्रीय सियासी स्वायतता का महत्त्व बताने को लेकर लोगों पर मुकदमा चलाया है।

आर. रवींद्र ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के संकल्प की पुष्टि करनी चाहिए और आतंक के वित्तपोषण सहित सभी प्रकार के समर्थन पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने इसके लिए यूएनएससी प्रस्ताव के पूर्ण कार्यान्वयन और आतंकी व्यक्तियों और संस्थाओं पर लक्षित प्रतिबंधों की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विश्व बिरादरी को उन देशों को अलग-थलग कर बेनकाब करना चाहिए जो आतंकियों को पनाह देते हैं और आतंकवाद को नजरअंदाज करते हैं।

संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता की पैरवी कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा परियोजनाएँ आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी (सरकारी नीति) के बतौर इस्तेमाल को लेकर रवींद्र ने कहा कि भारत ने कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान की हमेशा पैरवी की है। रवींद्र का इशारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीनी परियोजनाओं को लेकर था। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत आतंकियों पर प्रतिबंध पूरी तरह से लागू होने चाहिए। 

संयुक्त राष्ट्र में उप-स्थायी प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने कहा कि भारत, एससीओ के भीतर भरोसा मजबूत करने के साथ समानता, सम्मान और आपसी समझ के आधार पर भागीदारों से रिश्ते मजबूत करने को उच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि एससीओ में भारत की प्राथमिकताएं पीएम नरेंद्र मोदी के 'सिक्योर' दृष्टिकोण को लेकर हैं, जिसका अर्थ सिक्योरिटी, इकनोमिक कोऑपरेशन, कनेक्टिविटी, यूनिटी, रिस्पेक्ट फॉर सॉवरेन्टी और टेरिटोरियल इंटीग्रिटी और एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन है। 

✲  बांग्लादेश में कर्फ्यू के बाबजूद मृतकों की संख्या 115

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण विरोधी हिंसा भड़कने के बाद शनिवार को पुलिस ने पूरे देश में सख्त कर्फ्यू लागू कर दिया। इस दौरान सैन्य बलों ने राजधानी ढाका के सभी हिस्सों में गश्त की। सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध के बावजूद यह कर्फ्यू संभवतः अब तक का सबसे घातक दिन रहा। पिछले दिनों हिंसा में घायल हुए कुछ लोगों को शनिवार को मौत हो गई। अब मृतक संख्या 115 हो गई है। बांग्लादेश में हिंसा भड़कने से सैकड़ों लोग अब भी घायल हैं।


शनिवार को कुछ टीवी चैनलों में भी कामकाज बंद रहा तथा अधिकांश समाचार पत्रों की वेबसाइट बंद रही। ढाका में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि हालात 'बेहद अस्थिर' हैं। देश में लागू कर्फ्यू में शनिवार दोपहर कुछ ढील दी गई, लेकिन फिर इसे रविवार सुबह 10 बजे तक लागू कर दिया गया।

आतंकवाद एक गंभीर वैश्विक समस्या है जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरे में डालती है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया है। पाकिस्तान और चीन की भूमिका पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए, भारत ने यह स्पष्ट किया है कि आतंकवाद को सरकारी नीति के रूप में इस्तेमाल करने वाले देशों को बेनकाब किया जाना चाहिए। एससीओ में भारत की प्राथमिकताएं और बांग्लादेश में हिंसा के मामलों ने इस मुद्दे की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने और इसे समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है