श्रीनिवास ने अपनी कार को अटल सेतु के न्हावा शेवा छोर पर दोपहर करीब 12:30 बजे पार्क किया और फिर पुल से कूद गया। श्रीनिवास के परिवार के अनुसार, वह गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहा था और वित्तीय समस्याओं के कारण अवसादग्रस्त था। उनके इस कठोर कदम के पीछे का मुख्य कारण उनकी आर्थिक तंगी बताई जा रही है।
Under financial distress, 38YO man from #Mumbai commits suicide jumping off the Atal Setu bridge
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) July 25, 2024
Financial hardship is No1 factor for suicide attempts as per study pic.twitter.com/twNdRhRej2
श्रीनिवास के परिवार ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 2023 में कुवैत में फ़्लोर क्लीनर लिक्विड पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी, जहाँ वे काम करते थे। पिछले अक्टूबर में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी और डोंबिवली में अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया था, जो सफल नहीं हो पाया। घटना के कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अपनी चार वर्षीय बेटी और पत्नी से फोन पर बात की थी।
✲ आत्महत्या के बढ़ते मामले, पुलिस और बचाव कार्य
नवी मुंबई पुलिस ने अटल सेतु बचाव दल, तटीय पुलिस और स्थानीय मछुआरों के साथ मिलकर उनकी तलाश शुरू कर दी है। हालांकि, समुद्र की खराब स्थिति और बारिश के कारण पुलिस को तलाशी अभियान में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शव की तलाश जारी है।
इस सप्ताह अटल सेतु पुल पर यह दूसरी आत्महत्या की घटना है। मार्च में एक 43 वर्षीय महिला ने इसी पुल से छलांग लगाई थी। वह एक डॉक्टर थी और कथित तौर पर अवसाद और चिंता से जूझ रही थी। 21 जुलाई को दक्षिण मुंबई के एक 65 वर्षीय हीरा व्यापारी ने गेटवे ऑफ इंडिया के पास अरब सागर में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इसी महीने 17 जुलाई को घाटकोपर के एक निवासी ने वर्ली-बांद्रा सी लिंक से कूदकर अपनी जान दे दी थी।
आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए। आत्महत्या एक गंभीर समस्या है, और इसके रोकथाम के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, परामर्श और सहायता केंद्रों की उपलब्धता बढ़ानी चाहिए। यदि आप या आपका कोई प्रिय व्यक्ति संकट में है, तो तुरंत सहायता प्राप्त करें और संबंधित सेवाओं से संपर्क करें।
मुंबई में आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि एक गंभीर चिंता का विषय है, जो समाज में मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय स्थिरता की महत्वपूर्ण समस्याओं को उजागर करता है। श्रीनिवास की आत्महत्या ने यह स्पष्ट कर दिया है कि व्यक्तिगत और आर्थिक संघर्ष किस हद तक व्यक्ति को निराशा में धकेल सकते हैं। यह जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए और प्रभावित व्यक्तियों को सही समय पर सहायता प्रदान की जाए।
सरकार, समाज और परिवारों को मिलकर एक सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए ताकि ऐसे दुखद घटनाओं को रोका जा सके। यदि आप या आपका कोई प्रिय व्यक्ति संकट में है, तो तुरंत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और सहायता केंद्रों से संपर्क करें।