फिरोजाबाद निवासी 35 वर्षीय महिला, उसकी बहन नोएडा में रहती है। कुछ समय पहले उसकी मुलाकात एक युवक से हुई थी। जो नोएडा का निवासी था। 20 जुलाई को उस युवक ने महिला को फोन कर नौकरी दिलाने का झांसा दिया और उसके बैंक खाते में किराए के लिए एक हजार रुपए भेजे। महिला जो कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए नौकरी की तलाश में थी, उसने बिना किसी को बताए नोएडा के लिए रवाना हो गई।
✲ कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला कर बेहोश किया
नोएडा पहुंचने पर युवक ने महिला को एक होटल और अपने कथित रिश्तेदार के घर ले जाकर कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। नशे की हालत में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद महिला को जंगल में फेंक दिया गया। 22 जुलाई को महिला को होश आया और उसने खुद को एक जंगल में पाया। राहगीरों की मदद से वह किसी तरह नोएडा से बस द्वारा फिरोजाबाद पहुंची। घर लौटने पर उसकी हालत गंभीर थी और उसे सरकारी ट्रामा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा। पुलिस ने अभी तक कोई तहरीर प्राप्त नहीं की है, लेकिन मामला गंभीर है और जांच जारी है।
इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा कब सुनिश्चित होगी? ऐसी घटनाएं न केवल महिलाओं के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि उनके जीवन को भी खतरे में डालती हैं। हमें यह समझना होगा कि महिलाओं के प्रति हिंसा किसी भी समाज के विकास में बाधा डालती है। भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कानून बनाए गए हैं, लेकिन उनका सही पालन नहीं हो पाता। महिला सुरक्षा से संबंधित कानूनों का कड़ाई से पालन होना चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सक्रिय और संवेदनशील होने की आवश्यकता है।
महिलाओं को खुद भी जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या घटना की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए। उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए और कानून का सहारा लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
✲ पुलिस के द्वारा कार्रवाई की जा रही है
फिरोजाबाद पुलिस को इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। पीड़िता की शिकायत दर्ज कर दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही पुलिस को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि पीड़िता को न्याय मिले और उसे किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। पीड़िता और उसके परिवार को सामाजिक समर्थन की भी आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इस कठिन समय में अकेले महसूस न करें। समाज को उनके साथ खड़ा होना चाहिए और उन्हें भावनात्मक और मानसिक समर्थन देना चाहिए।
यह घटना हमारे समाज के लिए एक कड़वी सच्चाई है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम कहां गलत हो रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना हमारी जिम्मेदारी है। हमें मिलकर एक ऐसा समाज बनाना होगा जहां महिलाएं सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें। इसके लिए हमें कानूनी प्रावधानों का पालन, सामाजिक जागरूकता और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। केवल तभी हम एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं।