पटना के रहने वाले 22 वर्षीय अनुराग यादव ने पुलिस के सामने यह कबूल किया कि उसे नीट का प्रश्नपत्र परीक्षा से एक दिन पहले ही मिल गया था। इसके रिश्तेदार सिकंदर प्रसाद यादव, जो बिहार के दानापुर नगर परिषद में अभियंता के पद पर तैनात है। सिकंदर प्रसाद यादव ने अनुराग को कोटा से समस्तीपुर वापस बुलाया और यह कहा की परीक्षा के सभी इंतजाम हो गए हैं। अनुराग के अनुसार, उसे 4 मई की रात को अमित आनंद और नीतीश कुमार के पास ले जाया गया, जिन्होंने उसे नीट का प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिका दी। अगले दिन जब अनुराग ने परीक्षा दी, तो प्रश्नपत्र वही था जो उसे रात में मिला था।
अनुराग यादव ने यह कबूल किया कि वह इस अपराध में शामिल था। पटना पुलिस ने इस मामले में अनुराग के अलावा उसके रिश्तेदार सिकंदर यादव, और दो अन्य व्यक्तियों, नीतीश कुमार और अमित आनंद को गिरफ्तार किया है। इन सभी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 161 के तहत बयान दर्ज कराए गए हैं।
✲ राहुल गांधी ने कहा पेपर लीक नहीं रुकेगा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन-रूस की जंग को समाप्त करने की बात करते हैं, लेकिन अपने देश में पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने में असमर्थ हैं। राहुल गांधी का कहना है कि शैक्षणिक संस्थानों पर भाजपा और आरएसएस का कब्जा है, जो इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने केंद्र सरकार को मनोवैज्ञानिक रूप से ध्वस्त बताया और कहा कि चुनावों के बाद मोदी सरकार की नीतियां विफल हो रही हैं।
नीट पेपर लीक का यह मामला शिक्षा व्यवस्था और परीक्षाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। यह केवल एक मामले की बात नहीं है, बल्कि इससे यह स्पष्ट होता है कि हमारी परीक्षा प्रणाली में कई खामियां हैं। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करना और उन्हें परीक्षार्थियों तक पहुंचाना कितना आसान हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने नीट 2024 की काउंसलिंग रोकने से इंकार कर दिया है और परीक्षा रद्द करने की मांग पर केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर परीक्षा रद्द की जाती है, तो दोबारा परीक्षा होगी और फिर काउंसलिंग भी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न हाईकोर्ट में नीट मामले से जुड़ी चल रही कार्यवाहियों पर भी रोक लगा दी है।
✲ पेपर लीक के परिणाम और बच्चो की आशा
पेपर लीक की घटनाओं का प्रभाव न केवल उन छात्रों पर पड़ता है जो मेहनत करके परीक्षा की तैयारी करते हैं, बल्कि पूरे शैक्षणिक तंत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह घटना दर्शाती है कि हमारे देश में परीक्षा प्रणाली कितनी कमजोर है और इसे सुधारने के लिए क्या-क्या कदम उठाने की आवश्यकता है।
नीट पेपर लीक का मामला केवल एक व्यक्ति या कुछ लोगों की गलती नहीं है, बल्कि यह हमारी शिक्षा व्यवस्था की खामियों का परिणाम है। यह घटना यह दिखाती है कि हमारी परीक्षा प्रणाली में सुधार की कितनी जरूरत है। सरकार और संबंधित संस्थानों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।
यह आवश्यक है कि शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जाए ताकि देश के युवाओं को उनके मेहनत का सही फल मिल सके और हमारी शिक्षा व्यवस्था पर लोगों का विश्वास बना रहे। नीट पेपर लीक का यह मामला एक चेतावनी है कि अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।