पीएम मोदी ने मेलोनी, बाइडेन और अन्य से मिलकर विश्व मुद्दों पर बातचीत की।

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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जी-7 शिखर सम्मेलन के माध्यम से विश्व के कई प्रमुख नेताओं से मुलाकात की। इस सम्मेलन में शामिल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जैसे अन्य नेताओं से मुलाकात का विशेष महत्व था।

मोदी ने अपनी वार्ता के बारे में एक एक्स पोस्ट में साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी बातचीत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ हमेशा से रोमांचक रही है और भारत और अमेरिका मिलकर वैश्विक मुद्दों पर काम करेंगे। उन्होंने जापानी प्रधानमंत्री किशिदा के साथ भी विशेष मुद्दों पर चर्चा की।

इस सम्मेलन में भी मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो से मुलाकात की, जिसकी खासियत थी कि यह दोनों नेताओं की पहली भेंट थी। ट्रूडो ने पिछले साल कहा था कि कनाडा में एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे, और इसके बाद यह मुलाकात संबंधों को मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण थी।


मोदी ने इटली में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस से भी मिलकर खुशी जाहिर की, जिसमें विशेष विषयों पर चर्चा की गई। उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भी आमने-सामने हुए।


इस अद्वितीय सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने विश्व नेताओं के साथ "अद्भुत बातचीत" की, जिससे भारत के संबंध और अंतरराष्ट्रीय समझौतों में मजबूती आएगी। उन्होंने अपनी सारी मुलाकातों के तस्वीरों को साझा कर विश्व को इस बारे में सूचित किया कि भारत सदैव विश्व समृद्धि और समानता के लिए प्रयासरत रहेगा।

✲  यूक्रेन के साथ रिश्ते मजबूत करेंगे: मोदी

इटली में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विशेष महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने विश्व के कुछ महत्वपूर्ण नेताओं से द्विपक्षीय बातचीत की, जिसमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, और यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर जेलेंस्की भी शामिल थे।

मोदी जी ने जेलेंस्की के साथ खास बातचीत करते हुए यूक्रेन के साथ रिश्तों को मजबूत बनाने की बात की। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी क्षमता से हरसंभव प्रयास करेगा। इस बैठक से स्पष्ट हुआ कि भारत अपनी विदेश नीति में रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए तत्पर और तैयार है।

मोदी जी के इस विदेश दौरे से भारत के राष्ट्रीय हितों के प्रति भी बहुतायत मिली है। यह दौरा भारत के वैश्विक भूमिकाओं में एक नई ऊर्जा और स्थिरता भरा संकेत देता है, जो विशेषकर रूस और यूक्रेन के संबंधों में आगे की रणनीति को दर्शाता है।

इस दौरे में भारत ने अपनी राष्ट्रीय हितों को समझने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है। इससे स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक राजनीतिक व्यवस्था में अपनी भूमिका को मजबूत बनाने के लिए तत्पर और सक्रिय रहेगा।