इससे पहले, सीबीआई ने दो अन्य आरोपियों , चिंटू उर्फ बलदेव कुमार और मुकेश, को सात दिन के रिमांड पर लिया था। चिंटू को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने देवघर से गिरफ्तार किया था। जांच से पता चला की एक प्रोफेसर ने चिंटू के स्मार्ट फोन पर प्रश्न पत्र भेजा था, जिसे छात्रावास में ठहराए गए करीब 20-25 अभ्यर्थियों को रटाया गया था।
✲ दिल्ली हाईकोर्ट ने एजेंसी से जवाब मांगा
नीट-यूजी परीक्षा में पाठ्यक्रम से इतर प्रश्न पूछे जाने का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि भौतिकी खंड में एक प्रश्न रेडियोधर्मिता पर आधारित था जबकि रेडियोधर्मिता विषय इस वर्ष नीट-यूजी पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं था।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने एक अन्य प्रश्न के संबंध में स्पष्ट त्रुटि का भी आरोप लगाया, जिसके लिए एनटीए ने गलत विकल्प को सही उत्तर घोषित किया था। जस्टिस धर्मेश शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने एनटीए को इस याचिका पर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता का कहना है कि हालांकि वह सफल अभ्यर्थी है, लेकिन एनटीए की त्रुटियों के कारण उसकी समग्र रैंकिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।
सीबीआई द्वारा नीट पेपर लीक मामले की जांच अभी जारी है। सीबीआई अभी तक कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और अन्य लोगो को हिरासत में ले चुकी है। सीबीआई का मुख्य उद्देश्य इस घोटाले के सभी पहलुओं को उजागर करना और इसमें सामिल सभी लोगो को न्याय के कटघरे में खड़ा करना है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सीबीआई की जांच आगे कैसे बढ़ती है और क्या वह पेपर लीक के मास्टरमाइंड तक पहुंच पाती है।
✲ पेपर लीक के कारण अभ्यार्थी ने की आत्महत्या
कोटा, राजस्थान में नीट की तैयारी कर रहे छात्रों में आत्महत्या की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं। हाल ही में, बिहार से एक ऋषित कुमार अग्रवाल नाम का अभ्यर्थी कोटा में नीट की तैयारी करने आया था। वह छोटा चौराहा दादाबाड़ी इलाके में एक इमारत में किराए के कमरे में रहता था। वहां कुछ अन्य कोचिंग छात्र भी रहते थे। उसने जीजान से तैयारी की थी, नीट पेपर लीक की खबर सुन कर ऋषित कुमार अग्रवाल (17) ने अपने किराए के मकान में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।
दादाबाड़ी एएसआई शंभू दयाल के अनुसार, ऋषित 12वी कक्षा का छात्र था और वो कोटा में किराए के घर पर रहता था। जब वो आत्महत्या करने गया तो वहां रहने वाले अन्य छात्रों ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया तो उन्हे कोई जवाब नही मिला, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और ऋषित को छत के पंखे से लटका पाया। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। यह इस साल की 12वीं आत्महत्या है।
✲ नीट पेपर लीक और छात्रों की आत्महत्या का कारण
नीट पेपर लीक की घटना और कोटा में छात्रों की आत्महत्या जैसी घटनाएं एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करती हैं। यह स्पष्ट है कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। सरकार और शिक्षा संस्थानों को मिलकर ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जो छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। इसके अलावा, परीक्षाओं की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।
इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता कितनी महत्वपूर्ण है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए भी प्रभावी उपाय किए जाने चाहिए।