फिरोजाबाद: सपा की शानदार वापसी, भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा।

Firozabad | Roglance News

फिरोजाबाद लोकसभा के परिणाम यह साफ बता रहे हैं कि जिले में भाजपा का कद घटा है। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पांच विधान सभा सीटों में से दो में जीत दर्ज कराई थी जबकि दो मामूली अंतर से हार गई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो भाजपा चार विधानसभा में हारने के साथ जीत के अंतर बढ़ाने का काम किया है। सबसे बड़ी लीड सिरसागंज विधानसभा से मिली है। जबकि सदर विधानसभा सीट पर भाजपा के विधायक होने के बाद भी इस सीट पर भाजपा को हार मिली।

फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर 2019 में कमल खिलाने वाली भाजपा का कद दिनों दिन घटता जा रहा है। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जिले में भाजपा के चार विधायक थे। यही कारण रहा कि 2019 में लोकसभा का चुनाव हुआ तो भाजपा ने जिले की टूंडला, फिरोजाबाद के साथ-साथ जसराना विधानसभा को जीतने के काम किया था।

विधानसभा चुनाव लीडरबोर्ड
विधानसभा सपा भाजपा अंतर से जीत
टूंडला 90226 107422 17196 (भाजपा)
जसराना 115650 89753 25897 (सपा)
फिरोजाबाद 119601 103673 15928 (सपा)
शिकोहाबाद 113403 82272 31131 (सपा)
सिरसागंज 102809 69385 33424 (सपा)

लेकिन 2022 का विधानसभा चुनाव आया तो भाजपा को जिले में दो सीट घट गई थी। सपा ने शिकोहाबाद विधानसभा के साथ-साथ ही जसराना विधानसभा को मामूली अंतर से जीतने का काम किया था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव आते-आते सपा ने खुद को जनता के बीच और मजबूत कर लिया। इसका बड़ा कारण सैफई परिवार के एकजुट होने के साथ-साथ पार्टी से दूरी बनाने वाले साथ लेना भी रहा। 

✲  बिना भेदभाव के लोकसभा क्षेत्र का करूंगा: चहुंमुखी विकास

यह जीत मेरो जीत नहीं, बल्कि गठबंधन के सभी कार्यकर्ताओं एवं जनता की जीत है। जनता ने मुझ पर जो भरोसा दिया है। उनके इस भरोसे पर में खरा उतरूंगा। साथ ही लोकसभा क्षेत्र का भरपूर विकास करूंगा। यह बात नवनिर्वाचित सांसद अक्षय यादव ने प्रमाण पत्र लेने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में गठबंधन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने दिन-रात एक करके मेरे साथ मेहनत की है।


उनकी इस मेहनत और जनता के आशीर्वाद का ही परिणाम है, कि जनता ने मुझे चुनकर संसद में पहुंचाया है। सही मायनों में यह मेरी जीत नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं एवं जनता की जीत है। गठबंधन की पार्टी के हर एक कार्यकर्ता की मेहनत इसके पीछे हैं। मैं जनता और कार्यकर्ताओं के भरोसे पर खारा उतरूंगा। कहा कि लोकसभा क्षेत्र का बिना किसी भेदभाव के चहुंमुखी विकास कराना मेरी प्राथमिकता होगी।

सपा ने एक बार फिर नेताओं को यही कारण रहा कि जिले की पांच में से चार विधानसभा सीटों में जीत दर्ज कराई है। इस जीत से सपा नेताओं का कद बढ़ेगा वहीं भाजपा के नेताओं को यहां जिम्मेदारी संभालने वालों को एक बार फिर मंथन करना होगा कि चूक कहां हुई। फिरोजाबाद लोकसभा सीट को 15928 मतों से 16 वर्ष के बाद भाजपा को हराने का काम सपा ने किया है। मतों पर यदि नजर डालें तो सिरसागंज विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी को सबसे बडी लीड मिली है।

✲  दो साल पहले विधानसभा व एक साल पहले मेयर चुनाव में दर्ज की थी जीत

दूसरे नंबर पर शिकोहाबाद, तीसरे पर जसराना और फिरोजाबाद विधानसभा में पार्टी ने जीत दर्ज कराई। भाजपा को टूंडला विधानसभा से जितनी लीड मिलने की उम्मीद थी वह भी नहीं मिल सकी। पार्टी यहां सपा प्रत्याशी से मात्र 17196 मत अधिक प्राप्त कर सके।

सदर विधानसभा सीट पर भाजपा के विधायक मनीष असीजा ने दो साल पहले ही इस सीट पर हैट्रिक लगाई थी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में विधायक मनीष असीजा ने 111737 वोट हासिल किए थे। जबकि सपा के सैफुरहमान ने 79020 वोट हासिल किए थे। 32 हजार से अधिक मतों से वह सीट भाजपा ने जीती थी। इस चुनाव के एक साल बाद वर्ष 2023 में मेयर के चुनाव में भी भाजपा की कामिनी राठौर ने 26 हजार से अधिक वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस चुनाव में फिरोजाबाद विधानसभा की हार का कारण आखिर क्या है, यह सवाल भाजपा के लिए चिंता का विषय है।