अमेरिका के फ्लोरिडा की रहने वाली ब्रुकलिन कार्नले की चंडीगढ़ में रहने वाले यूवी वांग से PUBG Game के माध्यम से दोस्ती हुई। यूवी वांग बंगलुरू में नौकरी करता है और अपने काम के सिलसिले में अक्सर यात्रा करता रहता है। धीरे-धीरे उनकी यह दोस्ती प्यार में बदल गई और ब्रुकलिन ने अपने प्यार से मिलने का निर्णय लिया। वीजा प्राप्त करने के बाद, ब्रुकलिन सात समुंदर पार करके भारत आई और चंडीगढ़ में यूवी से मिली।
✲ चंडीगढ़ में रहने के बाद हिमांशू से हुई दोस्ती
चंडीगढ़ में ब्रुकलिन ने अपने प्रेमी यूवी के साथ तीन महीने बिताए। इस दौरान उन्होंने चंडीगढ़ की संस्कृति, खानपान और रहन-सहन को भी नजदीक से देखा और समझा। यूवी के साथ बिताए समय ने उनके रिश्ते को और भी मजबूत किया। लेकिन इस दौरान ब्रुकलिन की दोस्ती हिमांशू यादव से भी हो गई, जो ओल्ड फरीदाबाद में रहते हैं और मूल रूप से इटावा के निवासी हैं।
हिमांशू से हुई दोस्ती ने ब्रुकलिन को इटावा की यात्रा पर प्रेरित किया। 5 जून को, ब्रुकलिन इटावा पहुंची और हिमांशू की मौसी के यहां ठहरी। हिमांशू के साथ इटावा घूमते हुए ब्रुकलिन ने भारत के छोटे शहरों की जीवनशैली को भी अनुभव किया। यह समय उनके लिए भारतीय संस्कृति को और भी गहराई से समझने का अवसर था।
बीते बृहस्पतिवार को, जब ब्रुकलिन और हिमांशू बस से दिल्ली जा रहे थे, तो कुछ यात्रियों को उन पर शक हुआ। उन्होंने बस में लिखे आरएम के फोन नंबर पर सूचना दे दी, जिससे बस को शिकोहाबाद थाने में रुकवाया गया और पुलिस ने ब्रुकलिन और हिमांशू से गहन पूछताछ की। पूछताछ के बाद पुलिस ने पाया कि मामला सिर्फ दोस्ती का ही था और इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं था। इसके बाद पुलिस ने ब्रुकलिन को सुरक्षित दिल्ली पहुंचा दिया और हिमांशू को उसके परिजन को सौंप दिया।
✲ पुलिस ने ब्रुकलिन और हिमांशू से पूछताछ की
दिल्ली पहुंचने के बाद भी ब्रुकलिन ने हिमांशू को छुड़ाने के लिए पुलिस से संपर्क से बनाए रखा। इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि ब्रुकलिन की करनाल बस स्टैंड पर हिमांशू से मुलाकात हुई थी और वही से दोनो ने एक-दूसरे के मोबाइल नंबर ले लिए थे। गूगल ट्रांसलेट के माध्यम से वे एक-दूसरे से संवाद करते थे, जो उनके बीच की भाषा की बाधा को दूर करता था।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि प्यार और दोस्ती की कोई सीमा नहीं होती। तकनीक और सोशल मीडिया ने लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस घटना ने न केवल दो व्यक्तियों के बीच की दूरी को पाटा, बल्कि यह भी दिखाया कि विभिन्न संस्कृतियों और देशों के बीच के लोग भी आपसी समझ और सम्मान के साथ एक-दूसरे से जुड़ सकते है। इस पूरी घटना में पुलिस की भूमिका भी सराहनीय रही। उन्होंने तत्परता से कार्य किया और मामले की जांच की पूछताछ के बाद, जब उन्हें लगा कि मामला सिर्फ दोस्ती का है और इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं है, तो उन्होंने युवती को सुरक्षित दिल्ली भेज दिया और युवक को उसके परिजनों को सौंप दिया। पुलिस की इस कार्यवाही ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी तरह की गलतफहमी या चिंता को दूर किया जा सके।
इससे समाज में भी कई प्रकार की चर्चाओं को जन्म दिया। एक तरफ, यह घटना दिखाती है कि प्रेम और दोस्ती की कोई सीमा नहीं होती और यह भी कि इंटरनेट और सोशल मीडिया किस तरह से लोगों को जोड़ सकते हैं। दूसरी तरफ, यह भी एक उदाहरण है कि कैसे एक छोटी सी गलतफहमी लोगो को मुसीबत में डाल सकती है। समाज को इस प्रकार की घटनाओं से देखना चाहिए और समझना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति या संबंध के बारे में राय बनाने से पहले तथ्यों की जाँच करना आवश्यक है।
अमेरिका के फ्लोरिडा से आई ब्रुकलिन और इटावा के हिमांशू की यह कहानी न केवल एक अनूठी दोस्ती और प्रेम की दास्तान है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आधुनिक तकनीक किस तरह से लोगों के जीवन को बदल सकती है। इस कहानी में पुलिस की सतर्कता और तत्परता भी महत्वपूर्ण रही, जिसने सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। इस घटना से यह संदेश मिलता है कि हमें अपने पूर्वाग्रहों को छोड़कर हर रिश्ते को उसकी वास्तविकता के आधार पर समझना और स्वीकारना चाहिए।