एसडीएम जसराना सत्येंद्र सिंह ने जसराना की उपमंडी समिति में मौजूद तीन सरकारी क्रय केंद्रों के साथ नवादा पर लगे सरकारी क्रय केंद्र, साधन सहकारी समिति पाढ़म एवं मलिकपुर में मौजूद क्रय केंद्रों का भी निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान, प्रभारियों से गेहूं खरीदी की जानकारी ली गई और कम खरीदी पर लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया गया। एसडीएम ने कहा कि घर-घर जाकर किसानों को जागरूक कर खरीद करने का कार्य किया जाना चाहिए।
इसी दौरान, जसराना के पास ट्रैक्टर-ट्रॉली में गेहूं लेकर जा रहे लोगों को रोका गया। मौजूद लोगों ने बताया कि वे अपना गेहूं निजी व्यापारी को बेचने जा रहे हैं। इस पर एसडीएम ने कागज दिखाने का निर्देश दिया, लेकिन कागज नहीं दिखाया गया। इसके बाद, ट्रैक्टर-ट्रॉली एवं एक मैक्स लोडर को सरकारी क्रय केंद्र भेजा गया।
यह कदम किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण पहल है। किसानों को न्याय और समानता के साथ उनके उत्पाद की मान्यता मिलनी चाहिए। सरकारी क्रय केंद्रों के माध्यम से, किसानों को अधिक मूल्यवर्धित मूल्य मिलेगा और वे अपने उत्पाद को सुरक्षित ढंग से बेच सकेंगे। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
इस उत्कृष्ट कदम के माध्यम से, सरकार ने किसानों के हित में सकारात्मक कदम उठाया है और उन्हें स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया है। यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर किसानों की समृद्धि के लिए सरकार की यह पहल उन्हें न केवल आर्थिक बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त करने का एक माध्यम है।
अक्सर किसान अपने उत्पाद को बेचने में संकोच करते हैं क्योंकि वे निजी व्यापारियों या मध्यम व्यापारी दलों के खिलाफ बचते हैं, जिन्हें अक्सर अधिक दाम मिलता है। इस पहल के माध्यम से, सरकार ने उन्हें सरकारी क्रय केंद्रों के माध्यम से उनके उत्पाद को सीधे बेचने का मार्ग प्रदान किया है, जिससे उन्हें अधिक और सुरक्षित दाम मिल सके।
इस पहल से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादन की सामर्थ्य और संगठन का स्तर बढ़े। अधिक से अधिक किसान सरकारी क्रय केंद्रों के साथ जुड़ेंगे, जिससे उन्हें अधिक जानकारी, तकनीकी सहायता, और बेहतर मार्गदर्शन मिल सकेगा। इसके अलावा, इस पहल से स्थानीय बाजारों में भी प्रभाव दिखेगा, क्योंकि सरकारी क्रय केंद्रों के माध्यम से सीधे खरीद किया जाने वाला उत्पाद स्थानीय विकास को भी संजीवनी दे सकता है।
इस पहल के माध्यम से किसानों को उत्पाद की उचित मूल्य मिलने से साथ ही उन्हें अन्य लाभ भी होंगे, जैसे कि उत्पादन की स्थिरता और विकास, अधिक निवेश के लिए प्रेरित करना, और उत्पादन प्रक्रिया में नवाचार और तकनीकी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना। इस प्रकार, यह पहल न केवल किसानों के लिए वर्धनीय है, बल्कि ग्रामीण आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगी।
✲ शिकोहाबाद में किसानों को जागरूक किया
सरकारी गेहूं की खरीद के प्रोत्साहन के लिए एसडीएम ने किसानों संग बैठक कर संवाद किया। एसडीएम ने किसानों के ट्रैक्टर की सवारी करते हुए उन्हें सरकारी केंद्र पर फसलों को बेचने के लिए प्रेरित किया। गेहूं खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों के घर-घर जाकर ट्रैक्टरों के माध्यम से गेहूं की खरीद की जा रही है। इस दौरान प्रशासन के सहयोग से नगला इंची में 100 क्विंटल से अधिक की गेहूं की खरीद सरकारी केंद्र प्रभारी द्वारा की गई।
इस दौरान बीडीओ जितेंद्र बाबू, बीडीओ हाथवंत नवीन कुमार, सप्लाई निरीक्षक गौतम सिंह, तहसीलदार राखी शर्मा आदि ने भी किसानों को जागरूक किया। जहां गेंहू की तुलाई की गई वहीं पाढ़म एवं सराय मटियारी में फड़ लगाकर गेहूं की खरीद कर रहे लोगों से सरकारी क्रय केंद्र पर गेहूं को बेचने का निर्देश दिए। एसडीएम सत्येंद्र सिंह ने कहा उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जा रही है। कहा ट्रैक्टर-ट्रॉली में ले जा रहे गेहूं को सरकारी क्रय केंद्र पर पहुंचाया गया है। वहीं फड़ लगाकर गेहूं की खरीद कर रहे लोगों को भी आदेशित किया गया है।