गैंग लीडर के नाम पर गरमाई दिलाने वाले धर्मेंद्र उर्फ डीके के खिलाफ थाना पुलिस ने कार्रवाई की। उसे गैंगस्टर एक्ट के तहत कई मुकदमों में अभियुक्त किया गया। उनकी अवैध गतिविधियों में लगातार शामिल होने के बाद, पुलिस ने उसकी संपत्ति की जांच की। और उसे जब्त कर लिया है।
धर्मेंद्र उर्फ डीके के खिलाफ लगभग 10 मुकदमे दर्ज हैं। इससे दिखता है कि वह अपराध में इतना प्रवीण था कि उसे पुलिस ने एक बार नहीं, बल्कि बार-बार पकड़ने की कोशिश की है। पुलिस की इस कार्रवाई ने शिकोहाबाद के अपराधियों में हड़कंप मचा दिया। लोगों में एक नई उम्मीद की किरण जगी कि अब शहर सुरक्षित होगा।
धर्मेंद्र उर्फ डीके की जब्त की गई संपत्ति की बात करें तो, इसमें 3.12 करोड़ रुपये की चल संपत्ति (ट्रक और डंपर) तथा 34.15 लाख रुपये की अचल संपत्ति शामिल है। ये नंबर खुद में ही इसकी भयावहता को दर्शाते हैं।
गैंग लीडर की इस संपत्ति को जब्त करने के बाद, पुलिस ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। वह ये संदेश देने के लिए दोहरा प्रयासरत है कि अपराधियों को कोई छूट नहीं मिलेगी। चाहे वह जितना भी प्रबल या धनी क्यों न हो।
इस घटना से साफ होता है कि अपराधियों की धारणा में गई हुई संपत्ति भी कभी-कभी पुलिस के हाथों में चली जाती है। यह भी दिखाता है कि अपराधियों के लिए कोई बचाव नहीं है। चाहे वह अपने विपक्षियों की संपत्ति में छिपा हो या अपने अच्छे दिनों में कमाई हुई हो।
पुलिस की इस कार्रवाई ने गरीबों और निराधार लोगों को भी एक संदेश दिया है। उन्हें ये दिखाता है कि वहाँ कुछ है भी बदलाव हो रहा है, और अब उन्हें सुरक्षित रहने की आशा है। इसके साथ ही, इस कार्रवाई ने भी अपराधियों को एक साबित किया है कि कोई भी अपराध करने वाला सजा से बच नहीं सकता।
अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से पहले, पुलिस को अपराधियों की संपत्ति की जांच करने की आवश्यकता होती है। धर्मेंद्र उर्फ डीके के मामले में भी यही हुआ। उनकी संपत्ति की जांच करने के बाद, पुलिस ने उनकी संपत्ति को जब्त किया।
अपराधियों के संपत्ति को जब्त करने का मतलब यह नहीं होता कि उनकी परिवार को बेकार कर दिया जाए। पुलिस इसे संपत्ति को संवारने का एक प्रकार मानती है। जो धर्मेंद्र उर्फ डीके के मामले में भी हुआ।
यह घटना हमें यह सिखाती है कि समाज को सुरक्षित बनाए रखने के लिए पुलिस की कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। अपराधियों को बचने का कोई मार्ग नहीं होना चाहिए। और अगर वे गलत कार्रवाई करते हैं, तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि पुलिस अपराधियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई में बिना किसी भेदभाव के करती है। उनकी यह कार्रवाई आम जनता को भी एक संदेश देती है कि वे सुरक्षित हैं, और अपराधियों के खिलाफ लड़ाई में पुलिस के साथ हैं।
अंत में, धर्मेंद्र उर्फ डीके के मामले में पुलिस की कार्रवाई ने समाज को एक संदेश दिया है कि अपराधियों को कोई छूट नहीं मिलेगी। पुलिस ने उनकी संपत्ति को जब्त किया है, और यह संदेश दिया है कि अब अपराधियों को और अपनी गतिविधियों में संयम बरतना होगा।